सरकार की नीतियों से बढ़ा है करदाताओं का विश्वास: सीतारमण
नयी दिल्ली, 07 अगस्त: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बजट में मध्यम वर्ग को कर राहत दी गयी है और वेतनभोगी कर्मचारियों के लिये मानक कटौती 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रिपीट 75 हजार रुपये की गयी है जिसका सीधा लाभ इस वर्ग के लोगों को मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बुधवार को वित्त विधेयक 2024 (2) पर हुई चर्चा का जवाब देते हुये कहा कि कोविड के समय विकसित देशों में कर की दर बढ़ाई गयी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड खर्च के लिये कर नहीं बढ़ाने के निर्देश दिये थे और उस निर्देश का पालन करते हुए सरकार ने 2020 से 2023 के बीच किसी तरह का कोई कर नहीं बढ़ाया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2014 में कर आतंकवाद की शिकायत की जा रही थी और लोगों से जबरन पैसा वसूले जाने की शिकायतें आ रही थीं लेकिन उस दौर को मोदी सरकार बहुत पीछे छोड़ चुकी है और करदाताओं का विश्वास बढ़ाया गया है। एमएसमई को नये कर दाताओं का ज्यादा फायदा हुआ है, इस बार के अंतरिम बजट में 19 लाख कर दाताओं पर कर की मांग हटा दी गयी ताकि कर विवाद खत्म हो सके। बजट में एंजिल टैक्स को पूरी तरह से हटा दिया गया है जो कि 2012 में लाया गया था। उन्होंने कहा कि विपक्ष शोषण का बजट बताकर इसकी आलोचना कर रहा था, जबकि कांग्रेस की सरकार के समय ही यह एंजिल कर लगाया गया था।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि शेयर और प्रतिभूतियों में निवेश पर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ की छूट की सीमा एक लाख से बढ़ाकर सवा लाख की गयी है। इससे भी मध्यम वर्ग को फायदा हुआ है। उनका कहना था, “मैं मध्यम वर्ग पर कर का बोझ बढाने की बात कहने वालों को कहना चाहती हूं कि एक समय था जब आय पर 98 प्रतिशत तक कर लगाया गया था। उन्होंने कहा कि यदि 2004 से 2014 तक भीषण भ्रष्टाचार का माहौल नहीं होता तो आज देश की आर्थिक स्थिति और बेहतर होती।
उन्होंने कहा कि आयात कर में छूट दी गयी है ताकि भारत में विनिर्माण सस्ता हो सके। इसके लिये सरकार ने कई कच्चे माल और दुर्लभ खनिजों का आयात भी सस्ता किया है। सोने और चांदी पर आयात शुल्क कम करने से आभूषण उद्योग को फायदा होगा। यह उद्योग बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर देने वाला उद्योग है। जलीय कृषि के काम आने वाले संसाधनों पर भी आयात कर में कटौती की गयी है। बजट में घोषणा की गयी कि अप्रत्यक्ष कर ढांचे की अगले छह माह में समीक्षा की जायेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रीफील्ड टैक्स रिटर्न से विवरण दाखिल करना आसान और तेज हुआ है। रिटर्न की फेसलेस समीक्षा की जा रही है और रिफंड में पहले जहां 93 दिन लगते थे, वह दस दिन में ही पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि 57.57 करोड विवरण पहली बार कर जमा करने वालों से प्राप्त हुए है और कर विवरण वालों की संख्या 7.5 प्रतिशत बढकर 6.77 करोड़ हो गयी है।
श्रीमती सीतारमण कहा कि बजट में कर विवरण के पुराने मामलों को खोलने की अधिकतम अवधि दस साल से घटाकर पांच साल कर दी गयी है। कर विवादों पर अपीलीय मंचों में जाने के लिए न्यूनतम राशि की सीमाएं भी ऊंची कर दी गयी ताकि कम से कम विवाद होंगे। कर विभाग की ओर से संबंधित विवादित मामलों की अपील के लिये मौद्रिक सीमा बढ़ाये जाने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के 7754 मामलों की अपील की जरूरत नहीं होगी। लाभांश आय को निवेशकों के हाथ में पहुंचने पर कर लगाने से छोटे निवेशकों को नुकसान होने की विपक्ष की धारणा को गलत बताते हुये उन्होंने कहा कि इससे कम आय वाले निवेशको को 10 और उच्च आय वालों को 49 प्रतिशत कर देना पड़ता है। विपक्ष इस पर कुछ भी कहे यह बजट देश की जनता की भावना का प्रतिबिम्ब है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जमीन, जायदाद पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभकर के बारे में संशोधित प्रस्ताव से करदाताओं पर कर भार नहीं बढ़ेगा और 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदे गये, भूमि और भवन या दोनों के हस्तांतरण पर बिना मुद्रा स्फीति समायोजन (इंडेक्सेशन) के दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ की नयी 12.5 प्रतिशत की दर और 20 प्रतिशत की पुरानी दर, दोनों में से जिसमें कर का भार कम होगा, लागू होगी। उन्होंने यह भी कहा कि दीर्घकालीन पूंजीगत संपत्तियों (भूमि और भवन या दोनों) की बिक्री/ हस्तांतरण में पूंजीगत लाभ पर व्यक्तिगत और अविभाजित हिंदू परिवार-एचयूएफ के लिये राहत का प्रस्ताव किया गया है।