रांची में जुटे देशभर के 20 माउंट एवरेस्ट पर्वतारोही, अनुभव को साझा किया
रांची, 19 अगस्त । रांची के जैप 1 (शौर्य सभागार) के ऑडिटोरियम, डोरंडा में साेमवार काे ‘एवरेस्ट सम्मिट 2.0- बियोंड दी माउनटेंस’ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम मे देश भर के 20 पर्वतारोही शामिल हुुए। इस कार्यक्रम का आयोजन आइडिएट इंस्पायर इग्नाइट फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक राजीव गुप्ता ने सीसीएल, साइबरपीस कॉर्प्स, अडाणी पावर, स्वच्छता पुकारे और प्रतिज्ञा के सहयोग से किया।जैमलिंग तेनजिंग, मेजर विनित, सिद्धार्थ त्रिपाठी, राजीव गुप्ता, आलोक गुप्ता ने द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
मुख्य वक्ता जैमलिंग तेनजिंग ने लोगों के सामने अपना अनुभव साझा किया। शिक्षा पूरी करने के लिए विदेश गये। अपने पिता से तेनजिंग नोर्गे से पहाड़ चढ़ने के लिए प्रेरणा लिया और पहाड़ों की तराई पर चढ़ना शुरू किया। काफी संघर्ष करने के बाद एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की। आज पहाड़ों के बीच अपना जीवन बिता रहे हैं।
एवरेस्ट फतह करने वाली विश्व की सबसे छोटी उम्र की महिला है, जो 13 साल और 11 महीने का उम्र में एवरेस्ट पर देश का झंडा फहराया। जीवन का संघर्ष को लोगों के सामने बयां किया। पर्वातारोही के दौरान होने वाली मुश्किलों को किताब में लिख डाली और पूरे जीवन को फिल्म में कैद कर लिया।
संगीता एस. बहल एक मिस इंडिया,1985 की फाइनलिस्ट हैं, जिन्होंने अपने मॉडलिंग करियर के बारे में लोगों से अपने अनुभव साझा किया। उन्होंने लोगों के सामने जीवन का अनुभव को साझा किया।
प्रकृति वार्ष्णेय ने बताया कि दुनिया बहुत बड़ी है और इसमें आपके रहने के अनगिनत तरीके हैं। आप जो बनना चाहते हैं, वह बन सकते हैं, कोई नियम नहीं हैं। बस अपने दिल का अनुसरण करें, चाहे वह कहीं भी हो।
काम्या कार्थिकेयन ने कहा किसबके अपने-अपने एवरेस्ट हैं; बस एक पैर दूसरे के सामने रखें और आप एक दिन वहां पहुंच जाएंगे।