झारखंड कैबिनेट की बैठक में 44 प्रस्तावों पर लगी मुहर
– रांची नगर निगम को 224 बसों को खरीदने के लिए 605.42 करोड़ रुपये की स्वीकृति
रांची, 27 मार्च । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 44 प्रस्ताव पर मुहर लगी। बैठक के बाद कैबिनेट की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने बताया कि बैठक में झारखंड श्रम प्रवर्तक भर्ती नियमावली (संशोधन) 2023 के साथ ही झारखंड औद्योगिक प्रशिक्षण सेवा संवर्ग संशोधित नियमावली 2023 की गठन की स्वीकृति दी गयी।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा शहरी स्थानीय निकाय कर्मियों के लिए सातवें वेतन आयोग के आलोक में सरकार का वित्तीय भार 2027- 28 तक होगा, पहले यह सिर्फ 2022- 23 तक था। वहीं नगर विकास विभाग रांची नगर निगम में 605.45 करोड़ की लागत से 224 सिटी बसों की खरीद करेगी। इन बसों में नॉन एसी की 220 और एसी इलेक्ट्रिक बस 24 होंगी। इससे राजधानी में बेहतर शहरी परिवहन व्यवस्था हो सकेगी।
रांची शहरी क्षेत्र में चल रही सिटी बस सेवा में नगर निगम नई रूट पर बसों को चलाने की तैयारी में है। इसके तहत ही कैबिनेट की बैठक में 244 बसों को चलाने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, जिसके लिए 605.45 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
विभागीय प्रस्तावों के मुताबिक बसों के परिचालन के लिए कुल 13 रूट और 200 नए बस स्टॉप बनाए जाएंगे। प्रत्येक बस प्रतिदिन 174 किमी की दूरी तय करेगा। बसों के परिचालन में कुल सकल लागत 62 रुपये प्रति किमी होगा, जबकि कुल राजस्व संग्रह 44.08 है। इस प्रकार प्रति किमी 17.03 रुपये का घाटा होने की संभावना है। ऐसे में अगले 10 वर्षों में 247 करोड़ रुपये के घाटा का आकलन किया गया है।
बसों का प्रस्तावित किराया दो किमी तक पांच रुपये, दो से पांच किमी तक 10 रुपये, पांच से 10 किमी के लिए 15 रुपये और 10 किमी से अधिक होने पर 20 रुपये निर्धारित किया गया है। प्रत्येक दो वर्षो में 11 प्रतिशत किराया वृद्धि होना प्रस्तावित है। पीपीपी मोड पर योजना का क्रियान्वयन ग्रॉस कास्ट कांट्रैक्ट मॉडल के आधार पर होगा, जिसमें तीन पक्ष ऑपरेटर 1, ऑपरेटर 2 और रांची नगर निगम होगा।
कैबिनेट के अन्य फैसले
-रांची में ट्रांसपोर्ट नगर फेज दो के लिए 657.82 करोड़ रुपये की लागत की मंजूरी दी गई। वर्तमान में रांची के सुकरहुट्टू में बन रहे ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 57.82 करोड़ की राशि दी गई है।
-झारखंड के भवनों में अब कॉमन टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना अनिवार्य होगा। नगर विकास विभाग के बिल्डिंग बायलॉज 2016 में संशोधन किया गया। इससे टेलीकॉम कंपनी जो सर्विस प्रोवाइडर इन आसानी से डिजिटल सुविधा पहुंचा सकेगी।
-एनसीसी कैडेट अब खेलकूद विभाग की जगह अब स्कूली शिक्षा विभाग के अंतर्गत शामिल होगा।
-सिमडेगा, खूंटी, दुमका में इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू होगा।
-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2018 -19 और 2019- 20 में सरकार द्वारा देय प्रीमियम सब्सिडी राज्यांश एवं किसानों द्वारा देय प्रीमियम राशि को राज्य सरकार द्वारा भुगतान करने के लिए 362.50 करोड़ को वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही बीमा कंपनियों के भुगतान की मंजूरी दी गई है।
-हर घर तक सुविधा पहुंचाने को लेकर मोबाइल वेटनरी यूनिट स्थापित करने के लिए 236 मोबाइल वेटनरी यूनिट क्लीनिक खोला जाएगा। इसके लिए 46 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
-प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति की नियमावली में संशोधन किया गया है। इससे सरकारी सहायता प्राप्त सभी स्कूलों के साथ मदरसा को भी लाभ होगा।
-रांची में दुर्गा सोरेन चौक से रिंग रोड तक सड़क चौड़ीकरण के लिए 65 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत।
-नमामि गंगे योजना के तहत रामगढ़ में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए 310 करोड़ रुपये की योजना मंजूर हुई है।
-वित्तीय वर्ष 2022- 23 की एमएलए फंड की एकमुश्त निकासी की स्वीकृति दी गई। इसके लिए डीसी बिल समर्पित करना जरूरी नहीं होगा।
-भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मे अब महानिदेशक, अपर महानिदेशक के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक भी हेड हो सकते हैं।
-कई विभागों यथा उत्पाद,कृषि, श्रम, कार्मिक, नगर विकास आदि के नियमावली में मैट्रिक, इंटर झारखंड से पास होने की अनिवार्यता को खत्म किया गया।
-बागवानी मिशन के लिए 16 करोड़ रुपये को सेविंग खाते में रखने की मंजूरी दी गई।
-अमृत योजना के तहत बड़कीसरैया में शहरी जलापूर्ति योजना के लिए 46 करोड़ रुपये की योजना मंजूर हुई।
-पूर्व मंत्री स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद सिंह के इलाज के दौरान हुए एयर एंबुलेंस में हुई खर्च की मंजूरी दी गई।
-एकलव्य मॉडल स्कूल को एनजीओ से चलाने के लिए मार्च 2023 तक इसी तरह कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित आश्रम विद्यालय पीवीटीजी आवासीय एसटीएससी प्राथमिक विद्यालय को भी एनजीओ से चलाने के लिए मार्च तक अवधि विस्तार दिया गया।
-एनटीपीसी करणपुरा टंडवा में गरही जलाशय के लिए 25 एकड़ जमीन एनटीपीसी को देने की स्वीकृति दी गई।
-डॉ अरुण कुमार सिन्हा सिविल सर्जन धनबाद की अपील अभ्यावेदन को अस्वीकृत किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार