कश्मीरी पंडित और मुसलमानों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल घाटी का दौरा करेंगे
नयी दिल्ली 16 अक्टूबर : कश्मीरी पंडितों और मुसलमानों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल सुलह प्रक्रिया के हिस्से के रूप में दोनों समुदायों के बीच संवाद शुरू करने के लिए शीघ्र ही घाटी का दौरा करेगा।
श्री राकेश सप्रू द्वारा स्थापित ‘राष्ट्रीय एकता और भाईचारे के लिए मिशन’ के बैनर तले यह प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर में शांति एवं भाईचारे की वापसी सुनिश्चित करने के लिए नव-निर्वाचित विधायकों और नवगठित सरकार के मंत्रियों के साथ बैठकें भी करेगा।
आधिकारिक बयान के अनुसार यह निर्णय सोमवार को दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) में सप्रू की अध्यक्षता में निकाय की बैठक में लिया गया।
बयान में कहा गया है कि प्रतिनिधिमंडल अपनी पहली यात्रा के दौरान श्रीनगर, पुलवामा और अनंतनाग जिलों का दौरा करेगा तथा नागरिक समाज के विभिन्न वर्गों, शिक्षकों, कानूनी दिग्गजों, पेशेवरों के साथ ही उन कश्मीरी पंडितों से मुलाकात करेगा जो 1990 के पलायन के दौरान वहां रह गये थे, ताकि मौजूदा स्थिति पर उनके विचार और तत्कालीन राज्य में स्थायी शांति के लिए सुझाव प्राप्त किए जा सकें।
प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय एकता और भाईचारा मिशन पूर्ववर्ती राज्य की संस्कृति, विरासत और परंपरा को संरक्षित करने का प्रयास करेगा। इसके साथ ही कश्मीरी संस्कृति और पहचान को बनाए रखने के अलावा निकाय जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के तीन क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए भी कदम उठाएगा।
यह निकाय जम्मू और कश्मीर की समृद्ध संस्कृति और विरासत के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशालाएं, सम्मेलन और सेमिनार आयोजित करेगा। मिशन के एजेंडे में क्षेत्र में शांति और सद्भाव के लिए विचारों और कार्यक्रमों को बढ़ावा देने और लागू करने के अलावा दुनिया भर में हस्तशिल्प व्यापार शो आयोजित करके व्यापारियों और कारीगरों की मदद करना भी शामिल है।