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गोयल का राज्यों से खरीदारी के लिए जेम पोर्टल का पूरा लाभ उठाने का आह्वान

नयी दिल्ली, 01 अप्रैल : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वित्तीय वर्ष 2022-2023 के दौरान, सरकारी ई-वाणिज्य पोर्टल ‘गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस’ (जेम) पर सरकार के विभागों और संगठनों द्वारा 31 मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की खरीद का आंकड़ा दो लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार करने पर उसे बधाई दी है और सभी राज्य सरकारों से अपनी खरीद के लिए इस पोर्टल का पूरा लाभ उठाने का आह्वान किया है।

श्री गोयल ने जेम की उपलब्धियों पर शनिवार को एक आनलाइन संवाददाता सम्मेलन कहा, “इस पोर्टल पर आज कई राज्य भी जुड़ गए हैं, पर कुछ राज्यों ने इसका यह कह कर विरोध किया है कि उन्होंने अपना खुद का आनलाइन मंच बना रखा है।”

संवाददाता सम्मेलन को जेम के मुख्य कार्यकारी पी.के. सिंह ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि जेम पर कुल आपूर्ति का सकल मूल्य (जीवीएम)3.9 लाख करोड़ रुपये को पार कर लिया है।

श्री गोयल ने कहा कि उनके मंच हो सकते हैं, पर उनका दायरा सीमित है क्योंकि उन पर जुड़े विक्रेताओं की संख्या सीमित है। जेम में देश भर के विक्रेता तथा सेवा प्रदाता जुड़े हैं। यहां कीमतें अच्छी मिल सकती हैं। श्री गोयल ने कहा कि ‘देश का पैसा देश हित में अच्छी तरह खर्च होना चाहिए।’

श्री गोयल के पास उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा कपड़ा मंत्रालय का भी प्रभाग है। उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद के इस तेजी लोकप्रिय हुए पारदर्शी ई-बाजार मंच पर पांच साल में हुई खरीदारी में 35,000 करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है।

उन्होंने जनता और राष्ट्रीय हित में इस डिजिटल मंच जेम की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जेम उस गति का प्रतीक है, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आधुनिक तकनीक के जरिए देश को आगे ले गए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि सरकारी विभागों की खरीद को उच्चतम स्तर की ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ चलाया जाए, जिसमें देश के दूरस्थ कोनों से लोगों की भागीदारी हो और यह महिला उद्यमियों, स्टार्टअप और एमएसएमई क्षेत्र को सरकारी खरीद के मेले भाग लेने में सक्षम बनाता हो।

उन्होंने अधिक से अधिक वेंडर्स (आपूर्तिकर्ताओं) से जेम से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि 2017 में जेम पोर्टल लॉन्च होने के बाद पहले साल इस पर 400 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ और दूसरे साल यह 5800 करोड़ रुपए पर पहुंच गया था। मंत्री ने बताया कि जेम के माध्यम से कारोबार दो साल पहले लगभग 35000 करोड़ रुपये से बढ़ा है और पिछले साल तीन गुना बढ़कर एक लाख छह हजार करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि पांच साल में दो लाख करोड़ रुपये की वृद्धि दर्शाती है कि प्रधानमंत्री का यह प्रयोग सफल रहा है।

मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल निर्यात 750 अरब डॉलर को पार कर लिया है और अंतिम आंकड़ा 765 अरब डॉलर को पार करने की उम्मीद है।

जेम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सिंह ने बताया कि इस ई-वाणिज्य मंच पर लेनदेन की कुल संख्या भी 1.47 करोड़ को पार कर गई है। इस मंच के माध्यम से 67,000 से अधिक सरकारी खरीदार संगठनों की विविध खरीद आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है तथा इस पर शिकायत निराकरण की एक प्रभावकारी व्यवस्था की गयी है। पोर्टल में 32 लाख से अधिक सूचीबद्ध उत्पादों के साथ 11,700 से अधिक उत्पाद श्रेणियां हैं, साथ ही 2.8 लाख से अधिक सेवा पेशकशों के साथ 280 से अधिक सेवा श्रेणियां हैं।

विभिन्न अध्ययनों के आधार पर, प्लेटफॉर्म पर न्यूनतम बचत लगभग 10 प्रतिशत है, जो 40,000 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन की बचत में तब्दील होती है।

मनोहर.श्रवण

वार्ता

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