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इनकम टैक्स ने की पवन बजाज की कंपनी कोसी कंसल्टेंट पर बड़ी कार्रवाई, रांची में खरीदी 1457 एकड़ भूमि जब्त मालिक कोई, कब्जा किसी और का

रांची की बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी कोसी कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के अरबों रुपए के भूखंड को आपकर विभाग ने अटैच कर लिया है. यह कंपनी काफी विवादों में रही है. रांची के अलग अलग इलाकों में कोसी कंसल्टेंट ने दूसरी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ मिलकर बहुमंजिली इमारतें यही की हैं. इसके साथ ही इस कंपनीके नाम से हजारों एकड़ भूमि खरीदी गयी है. जिसमे करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट किया गया है.

आयकर विभाग वर्ष 2022 से यह पता करने में लगा था कि कोसी कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड ने कंपनी के पैन नंबर एएबीसीके **एच से वित्तीय वर्ष 2020 2021 में कितने फ्लैट और जमीन की खरीद-बिक्री की गयी है.

  • 1457 एकड़ भूमि भूमि गैरमजरुआ, रैयती और वन भूमि नेचर की है

कोसी कंसल्टेंट द्वारा की गई भूमि की खरीद-बिक्री की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद आयकर विभाग ने रांची जिले के बुंडू अनुमंडल के कोड़दा गांव की 1457 एकड़ भूमि को अटैच कर लिया है. यह भूमि गैरमजरुआ, रैयती और वन भूमि नेचर की है. जिसकी रजिस्ट्री वर्ष 2018 में हुई थी. जमीन की खरीदारी बिल्डर पवन बजाज की कंपनी शाकंभरी विल्डर्स और कोशी कंसल्टेंट ने की थी. इस जमीन की खरीद बिक्री के मामले में इनकम टैक्स विभाग वर्ष 2021 में तीन अलग अलग जगहों पर छापेमारी भी कर चुका है. जिन कंपनियों पर आपकर ने शापेमारी की थो उसमें शाकंभरी बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड, कोसी कंसलटेंट लिमिटेड और सनसिटी इंपैक्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल है.

  • दो कंपनियों ने 27 फरवरी 2019 को जिले में दो बड़े भूखंडों की खरीद की

इन तीनों कंपनियों में से दो कंपनियों ने 27 फरवरी 2019 को राची जिले में दो बड़े भूखंड़ों की खरीद की है. पहली डीड में जमीन शाकंबरी बिल्डर्स के मालिक चंद्रेश बजाज को बेची गयी है. चंद्रेश बजाज पवन बजाज के पुत्र है. पवन बजाज भाजपा के आजीवन निधि के सदस्य भी रहे है. दूसरी डीड में कोसी कंसलटेंट प्राइवेट लिमिटेड ने जमीन खरीदी है. जिसके मालिक राहुल कुमार है, जओ शैलेंद्र कुमार के पुत्र हैं, वो उन्नाव उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.

  • साल 2021 में बजाज के ठिकानों पर की गई कार्रवाई

उसी छापेमारी में उक्त जमीन से संबंधित दस्तावेज मिले थे. हालांकि, जांच में इस जमीन का मालिकाना हक किसी दूसरे के नाम पर मिला. आयकर विभाग ने जब इस जमीन के कागजात की तह को खंगाला तो बेनामी संपत्ति से जुड़ा मामला सामने आया. इसके बाद ही इसकी अस्थाई रूप से जब्ती की गई है.

  • बिहार-झारखंड की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई

अस्थाई रूप से जब्ती का यह मामला नियमानुसार आयकर विभाग के सक्षम प्राधिकार के यहां सुनवाई के लिए जाएगा. सक्षम प्राधिकार की सहमति के बाद ही इसकी स्थाई रूप से जब्ती होगी. यह बिहार-झारखंड में अब तक की सबसे बड़ी जाती बताई जा रही है. इस जमीन की कीमत अरबों में आंकी जा रही है. आयकर विभाग ने कोसी कसल्टेंट के माध्यम से हुई जमीन व फ्लैट की खरीद- बिक्री की जानकारी जुटानी शुरू की थी, जिसके बाद उक्त जमीन की जानकारी मिली थी. उक्त जमीन गैरमजरूआ, रैयती व वन भूमि की है, जिसकी रजिस्ट्री गलत तरीके से हुई थी.

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