जमानत नियम है और जेल अपवाद, यह नियम यूएपीए जैसे विशेष कानूनों में भी लागू होगाः सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जमानत नियम है और जेल अपवाद, यह नियम यूएपीए जैसे विशेष कानूनों में भी लागू होगा। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने पॉपुलर फ्रंट के सदस्य को किराये पर संपत्ति देने के आरोपित को जमानत देते हुए ये टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि जमानत देने में अदालतों को हिचकना नहीं चाहिए। भले ही आरोप काफी गंभीर हों लेकिन जमानत पर कानून के मुताबिक विचार होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि जमानत नियम है और जेल अपवाद, भले ही वो विशेष कानूनों के आरोपित हों। कोर्ट ने याचिकाकर्ता जलालुद्दीन खान को जमानत देने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता पर आरोप है कि उसने प्रधानमंत्री की बिहार यात्रा के दौरान गड़बड़ी की योजना बनाई थी। उस पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट से संबंध का आरोप है। आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120, 120बी, 121, 121ए, 153ए, 153बी और 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोपित का कहना था कि वो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंधित नहीं है। उसने केवल अपनी संपत्ति किराये पर दी थी।