नीतीश को राजनयिक अभय ने भेंट की पुस्तक ‘द बुक ऑफ बिहारी लिटरेचर’
पटना 13 मार्च : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कवि एवं राजनयिक अभय के. ने ‘द बुक ऑफ बिहारी लिटरेचर’ की एक प्रति भेंट की।
मुख्यमंत्री से मुलाकात से पहले श्री अभय के. राजगीर में नालंदा विश्वविद्यालय भी गए और कुलपति प्रो. सुनैना सिंह से मिले और उन्हें द बुक ऑफ बिहारी लिटरेचर की एक प्रति भेंट की।
यह पुस्तक 10 भाषाओं मगही, मैथिली, अंगिका, बज्जिका, भोजपुरी, हिंदी, उर्दू, फारसी, पाली और संस्कृत की कविताओं और लघु कथाओं का अंग्रेजी अनुवाद है। इन भाषाओं की कई कविताओं और लघु कथाओं का पहली बार अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है। बिहार भारतीय भाषाओं के विकास के केंद्र में रहा है और इसका तीन सहस्राब्दी से अधिक का समृद्ध साहित्यिक इतिहास है।
मुख्यमंत्री श्री कुमार के गृह जिला नालंदा के अभय के. ने कहा कि उन्हें बिहार की साहित्यिक विरासत पर बहुत गर्व है, विशेष रूप से राजगीर, मगध की पहली राजधानी, जहां बुद्ध ने लोटस सूत्र और पूर्णता सहित अपने कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने मगही के पहले उपन्यास फूल बहादुर का अनुवाद किया है, जो जल्द ही प्रकाशित होगा।
राजनयिक ने कहा कि बिहारी साहित्य की पुस्तक में मुट्टा, चाणक्य, वात्स्यायन, सरहपा, विद्यापति, खातिर डीन मोहम्मद, रामबृक्ष बेनीपुरी, शिवपूजन सहाय, रामधारी सिंह दिनकर, बाबा नागार्जुन, राजकमल चौधरी, शैवाल, अब्दुस समद, शामोइल अहमद, मिथिलेश, रवींद्र कुमार, फणीश्वरनाथ रेणु, अमिताभ कुमार, ताबिश खैर और अनामिका जैसे कवियों एवं लेखकों की रचनाएं शामिल हैं। इसमें उनके (अभय के.) द्वारा नालंदा के पतन और उत्थान पर लिखी कविता भी शामिल है।
सूरज शिवा
वार्ता