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मोदी सत्ता में लौटे तो धर्म और विचार की स्वतंत्रता नहीं रहेगी: ममता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृ़णमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चौतरफा हमला बोलते हुए मंगलवार को उन्हें “निरंकुश” और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दंगे कराने वाला बताया और प्रधानमंत्री के इस बयान को “झूठ” बताया कि वह दिल्ली से चक्रवात रेमल की निगरानी कर रहे थे।

सुश्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि अगर श्री मोदी सत्ता में लौटे तो “धर्म और विचार की स्वतंत्रता नहीं रहेगी।’

उन्होंने एक जनसभा में कहा “मोदी इतने निरंकुश हैं कि अगर दोबारा चुने गए तो वह कोई चुनाव नहीं होने देंगे। धर्म और विचार की कोई स्वतंत्रता नहीं होगी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है लेकिन मोदी जैसा कोई नहीं देखा। उन्होंने कहा ‘देश को ऐसे प्रधानमंत्री की जरूरत नहीं है और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।’ वह कुछ ही दिनों में पूर्व प्रधानमंत्री बन जाएंगे।’ उन्होंने संकेत दिया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) लोकसभा चुनाव हार जाएगा।

उन्होंने कहा कि अब हर कोई कह रहा है कि देश में राजनीतिक हवा की दिशा बदल रही है। उन्होंने यह दावा करने के लिए श्री मोदी पर निशाना साधा कि वह दिल्ली से चक्रवात रेमल की निगरानी कर रहे थे। टीएमसी अध्यक्ष ने कहा ‘क्या एक पीएम को इतना झूठ बोलना शोभा देता है, झूठ बोलना किसी का भी संवैधानिक अधिकार नहीं है. मैं उनसे आग्रह करती हूं कि उन्होंने जो कहा उस पर दोबारा विचार करें।’

सुश्री बनर्जी ने प्रधानमंत्री द्वारा चक्रवात के बाद केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करने पर उन्हें फटकार लगाई कि यह राज्य सरकार है जो एनडीआरएफ के प्रयासों का खर्च वहन करती है।

उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए कहा “गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री मोदी ने दंगे कराए। देश के प्रधानमंत्री बनने से पहले वह देश को नहीं जानते थे।”

उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा की कथित टिप्पणी कि श्री मोदी देवताओं के राजा हैं पर चुटकी लेते हुए कहा ‘किसी और ने कहा कि जगन्नाथ देव श्री मोदी के भक्त है।’

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा “अगर ऐसा मामला है तो किसी देवता को राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए और इसके बजाय उसे मंदिर में रहना चाहिए।”

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