झारखंड विधानसभा बजट सत्र: स्वास्थ्य विभाग का 7040 करोड़ रुपये का अनुदान मांग पारित
रांची, 20 मार्च । झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 13वें दिन सोमवार को विपक्ष के बहिष्कार के बीच वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए स्वास्थ्य विभाग का 7040 करोड़ रुपये का अनुदान मांग पारित हुआ। अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव लाते हुए भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि साल भर में कोई काम नहीं हुआ।आयुष्मान कार्ड योजना के नाम पर सिर्फ फर्जीवाड़ा है जिसका राशन कार्ड नहीं उसका गोल्डन कार्ड बन रहा है। पूर्व की सरकार फर्जी लोगों पर कार्रवाई करती थी लेकिन इस सरकार में एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है।
झामुमो विधायक मथुरा महतो ने कहा कि सही मायने में कोविड-19में विभाग ने बेहतर काम किया था.।पारा शिक्षकों की तर्ज पर इनका भी मानदेय बढ़ाना चाहिए 18000 रुपये पर माफ किया जाना चाहिए। गंभीर बीमारी के लिए लोग दक्षिण भारत की ओर रुख करते हैं। ऐसे में झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक की जाए जिससे बाहर न जाना पड़े।
प्रदीप यादव ने कहा कि एंबुलेंस से सभी जगह पार्थिव शरीर जाने की व्यवस्था की जाए 108 एंबुलेंस को सभी जगह भेजने की व्यवस्था हो। हरा कार्ड तो बना दिया गया लेकिन पांच महीने से राशन नहीं मिली है। भूषण तिर्की ने कहा कि माल-साल नहीं बदला है। भाजपा ने झारखंड की खाल खींचने का काम किया। प्रेम उपस्कर मोबाइल बैंक के नाम पर भाजपा ने लूटा है। भाजपा दलित पर सवाल उठाती है लेकिन दूसरे प्रदेशों में दलितों के साथ अत्याचार हो रहे हैं उस पर कुछ नहीं कहती।
विधायक समरी लाल ने कहा कि झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था रेफर टू रिम्स होकर रह गया है। स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में टीएमएच और एमजीएम है जिससे वहां के मरीज तो नहीं आते लेकिन पूरे राज्य के मरीज को रेफर टू रिम्स किया जाता है। रिम्स शोध का केंद्र है। बड़ी-बड़ी बीमारियों का इलाज होता है लेकिन उसे भी बीमार करके रख दिया गया है। ट्रामा सेंटर कहें या उसे ड्रामा सेंटर। रिम्स के 600 करोड़ में मात्र आठ प्रतिशत राशि ही खर्च हो सकी है।
हिन्दुस्थान समाचार