झारखंड विधानसभा मानसून सत्र : सदन में सुखाड़ के मुद्दे पर मंत्री बोले, राज्य की 41 प्रतिशत भूमि सिंचित
रांची, 4 अगस्त । झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के पांचवें दिन गुरुवार को भी हंगामा जारी रहा। दीपिका पांडे सिंह ने अल्प सूचित सवाल किया कि राज्य में उचित सिंचाई सुविधा के अभाव में पिछले 10 वर्षों में पांच बार सुखाड़ की नौबत आई है। सरकार यदि नेहरू और इंदिरा गांधी के जमाने की सिंचाई योजनाओं को रिपेयर करती रहती, तो कभी सुखाड़ की नौबत नहीं आती। अभी मात्र 27 प्रतिशत भूमि ही सिंचित है।
इसके जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने बताया कि वृहद और मध्यम सिंचाई योजनाओं के जरिए 3.85 लाख हेक्टेयर और चतुर्थ लघु सिंचाई गणना के अनुसार लघु सिंचाई प्रक्षेत्र में 6.19 लाख यानी कुल 10.04 लाख हेक्टेयर क्षेत्रों में सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया है। इस पर प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार का दावा कागजी है। अगर 41 फीसदी भूमि सिंचित है, तो अकाल कैसा।
इसपर सदन के अंदर सरकार की ओर से कहा गया कि झारखंड में 41.44 प्रतिशत सिंचाई क्षमता का सृजन हुआ है। मंत्री मिथलेश ठाकुर ने कहा कि राज्य में वृहद और माध्यम सिंचाई प्रक्षेत्र अंतर्गत 25 योजनाओं का निर्माण विभिन्न चरणों में कार्यान्वित हो रहा है। इन योजनाओं के पूरा होने पर 5.35 लाख हेक्टेयर वार्षिक सिंचाई क्षमता सृजित हो सकेगी।
(हि.स.)