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झारखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

रांची, 2 अगस्त । झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार काे भी विपक्ष के हंगामे के साथ सदन की शुरूआत हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में अपना भाषण दिया। भाषण के दौरान विपक्षी विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। इसके बाद स्पीकर के भाषण के साथ ही सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।

मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष के पास कोई एजेंडा नहीं है राजनीतिक एजेंट के तहत यह लोग काम कर रहे हैं। इन लोगों ने एक महत्वपूर्ण सत्र को हंगामा में बदल दिया है। इस बीच विधायकों का नारेबाजी और होने लगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों का काला चिट्ठा मेरे पास है। इन्होंने पांच साल में क्या किया, सब मेरे पास है। कितने भवन बनाए, कितने चोरी की, सब हमारे पास है। इन लोगों ने डाका डालने का काम किया है। जमीन के लिए मर्डर तक हुआ है। यह लोग जमीन लुटेरे हैं और मुझे जमीन लूटने के आरोप में जेल में बंद करवाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच वर्षों में जितने बिल्डिंग बने उसका पैसा कहां से आया। सरकारी और गैर मजूरवा जमीन अभी इन लोगों ने भवन बना दिया। इन लोगों के पास ना तो सदन के अंदर कोई जवाब है ना सदन के बाहर। इनका समूह और जमात बहुत बड़ा है। इनके एक ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिनका राज्य बाढ़ में डूबा हुआ है। वहां वह नहीं जाकर यहां आकर राजनीति कर रहे हैं।

झारखंड ही नहीं असम में भी आपका सफाया हो जाएगा

हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड को विभाजित कर रहे हैं, समाज को विभाजित कर रहे हैं। चिंता मत करो, झारखंड ही नहीं, असम में भी आपका सफाया हो जाएगा। गैर सरकारी संस्थान में एक लाख से अधिक हमने नौकरी दे दिया। हजारों युवाओं को हमने नियुक्ति पत्र इसी हाथ से दिया है। हमारे बच्चे आज देश और विदेश में अच्छे-अच्छे कंपनियों में नौकरी कर रहे हैं। सरकारी नौकरी की बात करें तो इन लोगों ने 20 वर्षों में नियमावली तक नहीं बनाया। हमने नियमावली बनाने का काम किया। आदिवासी मूल वीडियो के लिए स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाए लेकिन यह लोग उसका भी बंटाधार कर दिये। यह लोग पीठ में छुरा करने वाले लोग हैं। इनसे पूछे कि हाई कोर्ट में स्थानीय नीति के खिलाफ कौन गया था, उन लोगों में स्थानीय नीति को कोर्ट में रोकने का काम किया। हमारे राज्य में यह कानून बने तो असंवैधानिक और उनके राज्य में बने तो संवैधानिक। हमने 90 प्रतिशत आदिवासी मूलवासियों की नियुक्ति की। यह लोग क्या बात करेंगे। यह लोग आईना भी देखेंगे तो आईना सरमा जाएगा। ये इतने बहुरुरिये हैं।

यह अंतिम सत्र नहीं है, यह अनवरत चलने वाला सत्र साबित होगा

मुख्यमंत्री ने कहा, यह अंतिम सत्र नहीं है यह अनवरत चलने वाला सत्र साबित होगा। हम लोग फिर सत्ता में आएंगे। हेमंत सोरेन कहा कि आदिवासी हित की बात करते हैं लेकिन सरना धर्म कोड को लेकर दिल्ली में यह लोग बातें नहीं रखते हैं। इन्हें सिर्फ हिंदू, मुस्लिम और आदिवासी गैर आदिवासी का ही मुद्दा दिखता है। यह लोग व्यापारी हैं। पूरा देश बेच दिया। यह नालायक लोग हैं। हमारे पूर्वजों की सारी संपत्ति बेचकर यह लोग खा गए। आपके सारे सवालों (विपक्ष) का जवाब और काले करतूत का चिट्ठा मेरे पास है। नेता प्रतिपक्ष भी खड़ा हुए और मुख्यमंत्री के भाषण का विरोध करने लगे। फिर हेमंत सोरेन ने कहा कि अगली बार हम फिर सत्ता में आएंगे और हर महिला के घर एक लाख रुपये पहुंचाने का काम करेंगे। यह हिंदू, मुस्लिम के नाम पर वोट मांगते हैं लेकिन अयोध्या हार जाते हैं।

रांची, धनबाद, बोकारो और जमशेदपुर में आबादी क्यों बढ़ाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोग डेमोग्राफी की बात करते हैं। इन लोगों से पूछे कि रांची, धनबाद, बोकारो और जमशेदपुर में आबादी क्यों बढ़ाई। किसके कारण आदिवासियों की संख्या घटी। यह लोग हमारे देश की स्थिति पाकिस्तान से भी खराब कर देंगे। महंगाई का स्तर देख लें। केंद्र में पहले मोदी और भाजपा की सरकार थी। अब केंद्र में बैसाखी की सरकार है। सहायक पुलिसकर्मी को इन्होंने नाजायज तरीके से नियुक्त किया। हम लगातार इन्हें एक्सटेंशन दे रहे हैं और घोषणा किया है कि पुलिस नियुक्ति में 10 प्रतिशत आरक्षण देंगे।

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में बड़ी घोषणा करते हुए कहा, अग्निवीरों को अनुग्रह राशि देंगे और मूर्त होने पर अनुकंपा पर सरकारी नौकरी देंगे। हम अपने काम के लिए मछली की आंख की तरह लक्ष्य रखकर काम कर रहे हैं और आने वाले समय में उनकी हर बातों का मुंहतोड़ जवाब देंगे। चाहे ये बाहर कहीं से भी झारखंड में नेता बुला लें।

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