बिहार : विधानसभा में विपक्ष ने सरकारी डॉक्टर के निजी प्रैक्टिस पर उठाया सवाल
पटना। विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नोत्तर काल के दौरान माले के विधायक अजीत कुमार ने कहा कि राज्य में कई जगह डॉक्टरों की संख्या कम रहने से इमरजेंसी सेवा प्रभावित हो रही है। ऐसे में सरकार को इस बारे में विचार करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री सम्राट चौधरी ने उन्हें आश्वासन दिया कि इस पर जल्द ध्यान दिया जाएगा।
माले विधायक अजीत कुमार ने कहा कि अलग-अलग अस्पतालों में डॉक्टर की संख्या कम रहने से ओपीडी सेवा प्रभावित होती है या नहीं मैं यह सवाल करना चाहता हूं लेकिन इसका जवाब मुझे नहीं मिला है। इसके बाद हेल्थ मिनिस्टर सम्राट चौधरी ने कहा कि जवाब बिल्कुल साफ है। उन्होंने कहा, हकीकत यह है कि डुमरा अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सकों के स्वीकृत पदों की संख्या के नौ पदों पर डॉक्टर मौजूद हैं जबकि वहां एक हड्डी रोग विशेषज्ञ भी मौजूद हैं। उन्होंने सवाल किया कि यदि किसी की दुर्घटना के दौरान हड्डी टूट जाती है तो उनका इलाज नहीं होता। इस बारे में ध्यान दिया जाए।
ऑपरेशन के बारे में जवाब देते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि कभी-कभी होता है लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि कभी नहीं होता है। यहां जिस डॉक्टर की ड्यूटी लगी है वह अस्पताल के बाहर प्राइवेट क्लिनिक चलाते हैं। तो क्या उन पर तुरंत यानी यथाशीघ्र एक्शन होगा। इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि उनकी जो चिंता है उसके अनुसार ही यथाशीघ्र एक्शन होगा।