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किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये केंद्र सरकार कर रही है नवाचार: मुंडा

नयी दिल्ली, 08 मार्च : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने शुक्रवार कहा कि सरकार देशभर के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का ये नवाचार है।

श्री मुंडा ने कहा कि देश के किसानों को डिजिटल टेक्नालॉजी का उपयोग करके सूचना, सेवा एवं सुविधाओं से लैस करने, सशक्त बनाने के उद्देश्य से राजधानी के कृषि भवन में स्थापित कृषि इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का आज शुभारंभ किया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि श्री मोदी के मूल मंत्र ‘मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गर्वेनेंस’ से काम किया जा रहा है, ताकि सुनिश्चित किया जा सकें कि आम आदमी का जीवन अनावश्यक रूप से प्रभावित नहीं हो और वह अपना कार्य पूरे मनोयोग, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से करते हुये अपने आप को स्वावलंबन, सक्षम, सशक्त बनाते हुए राष्ट्र को सशक्त बनायें।

श्री मुंडा ने कहा कि टेक्नाेलाॅजी आज सबके जीवन का अभिन्न अंग बन गयी है, एक सहयोगी के रूप में सरकार की अपनी जिम्मेदारी है, वहीं टेक्नोलाॅजी उसे और सशक्त बनाती है। सभी लोग टेक्नालाॅजी से लाभान्वित हो, लोगों को और कैसे सहयोग किया जायें, यह सरकार की मंशा है। पूरी पारदर्शिता, प्रतिबद्धता एवं लक्ष्य के साथ सरकार चाहती है कि गांव में

रहने वाला एक आम किसान भी तकनीकी के साथ अपने आप को आत्मनिर्भर बना सकें। प्रधानमंत्री ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि किसानों के लिए हम बेहतर सूचना, सेवा और सुविधा को कैसे सुगम बनायें, उनकी उत्पादन क्षमता को संभावनाओं को एक सहयोगी की भूमिका में कैसे बढ़ा सकें। किसी भी क्षेत्र में हम कितने भी पारंगत हो, लेकिन कृषि एक विशेष महत्वपूर्ण कार्य है, क्योंकि मनुष्य अन्न के बगैर नहीं रह सकता है। इसीलिये, हमने कृषि क्षेत्र को महत्व दिया है और किसानों को अन्नदाता कहा है, क्योंकि उनके माध्यम से ही देश में अन्न भंडारण होता है।

श्री मुंडा ने कहा कि नयी पहल का उद्देश्य है कि किसानों को खेत में वास्तविकता की जानकारी उपलब्ध हो तथा यह भी पता लगाया जा सकें कि हमारे कृषि क्षेत्र के समक्ष वास्तव में क्या चुनौतियां हैं। रियल टाइम डेटा एवं उसका विश्लेषण उपलब्ध होने से इसके आधार पर उनका निवारण किया जा सकेगा, क्षमता विस्तार होगा, फसल अच्छी आएगी, जिससे अंततः कृषि क्षेत्र और देश को भी फायदा होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प

लिया है, लेकिन ऐसा भारत सिर्फ देखने में नहीं बल्कि अनुभव करने में होना चाहिए। भारत न सिर्फ विकसित बनें, बल्कि खुशहाल भारत का निर्माण हो और आत्मनिर्भरता के माध्यम

से एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना साकार हों। तब हर व्यक्ति को गर्व होगा, हर व्यक्ति का सम्मान होगा और हमारी संस्कृति अपने आप में प्रतिबिंबित होगी। देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले नागरिक भारत की भूमि के कण-कण से जुड़ा हुए है और हमारे किसान खेत के माध्यम से देश के विकास में सहभागी है। इसी क्रम में एग्री स्टैक, डिजिटल कृषि में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके अंतर्गत, डिजिटल क्राप सर्वे की शुरुआत की गयी है, जिसमें किसानों की फसल का सही ब्यौरा पता लगाया जा रहा है।

श्री मुंडा ने इस अवसर पर महिला दिवस की बधाई देते हुये कहा कि प्रधानमंत्री ने महिलाओं को विशेष सौगात देते हुए रसोई गैस पर प्रति सिलेंडर 100 रुपये की सब्सिडी दी है, वहीं इस वर्ष को नारी शक्ति वर्ष के रूप में प्रतिपादित करते हुए गणतंत्र दिवस पर देश की महिलाओं की ताकत को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है। हम गर्व के साथ कह सकते हैं कि भारत, वास्तविक रूप से नारी का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में जो नवाचार हो रहे हैं, वे भी वास्तव में नारी शक्ति को समर्पित कहे जा सकते हैं।

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