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पहले चरण के चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 62 प्रतिशत से अधिक मतदान

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल : भारत की अट्ठारहवीं लोक सभा के चुनावों के पहले चरण में शुक्रवार को 102 सीटों के लिये हुये मतदान में 62 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

इसके साथ ही 543 सदस्यीय लोकसभा की 102 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे कुल 1625 उम्मीदवारों का चुनावी भविष्य इलेक्ट्रानिक मतदान मशीनों के मेमोरी कार्ड में लॉक हो

गया है। इनमें भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी, किरण रिजिजू, सर्बानंद सोनोवाल, अर्जुन राम मेघवाल और भूपेन्द्र यादव सहित आठ केन्द्रीय मंत्री भी शामिल हैं।

निर्वाचन आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार मतदान कुल मिलाकर सहज और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। पश्चिम बंगाल और मणिपुर में छिटपुट हिंसा की घटनाओं को छोड़कर देश भर में मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्वक संपन्न हुई। लोकसभा के पहले चरण के साथ -साथ अरुणाचल प्रदेश विधानसभा की सभी 60 और सिक्किम विधानसभा की सभी 32 सीटों के चुनाव भी संपन्न हो गये हैं।

आयोग की ओर से रात नौ बजे जारी विज्ञप्ति के अनुसार लोक सभा चुनाव के पहले चरण में कुल 102 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल पंजीकृत 16.63 करोड़ मतदाताओं में से शुक्रवार को 62.37 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ। दूरदराज के इलाकों के निर्वाचन केन्द्रों का मतदान आंकड़ा बढ़ सकता है।

आयोग ने आयोग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि बहुत से मतदान केन्द्रों पर मतदान का समाप्त होने का समय समाप्त होने पर भी मतदाता कतारों में खड़े थे।

पहले चरण के चुनाव में 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोट डाले गये।

निर्वाचन आयोग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण में त्रिपुरा में वोट डालने वाले मतदाताओं का अनुपात सर्वाधिक 80.17 प्रतिशत रहा, जबकि बिहार में सबसे कम 48.50 प्रतिशत मतदाता ही वोट डालने निकले।

आयोग द्वारा जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, त्रिपुरा की एक सीट पर 80.17 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में तीन सीटों पर 77.57 प्रतिशत, मणिपुर में दो सीटों पर 69.13 प्रतिशत, मेघालय में दो सीटों पर 74.21 प्रतिशत और असम में पांच सीटों पर 72.10 प्रतिशत वोट

पड़े थे।

पुड्डुचेरी में एक सीट पर 73.50 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ की एक सीट पर 63.41 प्रतिशत मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में एक सीट पर 65.08 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में पांच सीट पर 64.77 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में दो सीट

पर 67.15 प्रतिशत, सिक्किम में एक सीट पर 69.47 प्रतिशत, नागालैंड में एक सीट पर 56.91 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

मिजोरम में एक सीट पर 54.23 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में आठ सीटों पर 58.49 प्रतिशत, उत्तराखंड में पांच सीटों पर 54.06 प्रतिशत, अंडमान-निकोबार में एक सीट पर 56.87 प्रतिशत, महाराष्ट्र में पांच सीटों पर 55.35 प्रतिशत, लक्षद्वीप में एक सीट पर 59.02 प्रतिशत, राजस्थान में 12 सीटों पर 56.58 प्रतिशत, तमिलनाडु की 39 सीटों पर 65.19 प्रतिशत वोट डाले गये थे।

पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राजस्थान और अन्य जगहों पर विभिन्न मतदान केन्द्रों पर सुबह से ही पुरुष और महिला मतदाताओं की लंबी कतारें लग गयी थीं। पहली बार मताधिकार पाने वाले युवा मतादाताओं में मत देने को लेकर खासा उत्साह नजर आया।

निर्वाचन आयोग की एक विज्ञप्ति के अऩुसार, “ सभी 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पहले चरण की मतदान प्रक्रिया सुचारु रूप से और शांतिपूर्वक संपन्न हुई।” चुनाव आयोग ने मतदान को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरह से संपन्न कराने के लिये पर्यवेक्षकों की तैनाती के अलावा सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किये हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त अपने दो सहयोगी चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखवीर सिंह संधू के साथ आयोग के मुख्यालय में स्थापित नियंत्रण कक्ष से पूरी प्रक्रिया पर निगाह रखे हुये थे। इसी तरह के नियंत्रण कक्ष संबंधित राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यालयों और जिला स्तर पर भी बनाये गये थे।

आयोग ने कहा, “ कुल मिलाकर पहले चरण का मतदान शांतिपूर्ण और अच्छे वातावरण में संपन्न हुआ और इसमें देश में लोकतंत्र के इस महापर्व में सांस्कृतिक विविधता की छटा देखने को मिली।”

पहले चरण के संसदीय चुनाव में आठ केन्द्रीय मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक पूर्व राज्यपाल का चुनावी भविष्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में दर्ज हो गया। इनमें सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, नागपुर लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार जीतने का प्रयास कर रहे हैं। केन्द्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री किरेन रिजिजू अरुणाचल पश्चिम सीट पर राज्य के

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार नबाम तुकी के सामने हैं।

केन्द्रीय जहाजरानी जल मार्ग एवं बंदरगाह मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम में डिब्रूगढ़ और केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) से चुनाव लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने ऊधमपुर सीट पर पुन: चुनाव लड़ा है। उनके सहयोगी भूपेन्द्र यादव राजस्थान की अलवर सीट पर उम्मीदवार हैं। राजस्थान की ही बीकानेर सीट पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार एवं पूर्व मंत्री गोविन्द राम मेघवाल से रहा, अन्य प्रमुख प्रत्याशियों में पूर्व मंत्री एवं द्रमुक सांसद ए राजा का भाग्य नीलगिरि सीट के मतदाताओं के निर्णय से तय किया है। शिवगंगा सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम पुन: जीतने के लिये मैदान में थे।

हाल तक तेलंगाना की राज्यपाल रहीं तमिलसाई सौन्दरराजन भाजपा के टिकट पर चेन्नई दक्षिण सीट पर उम्मीदवार हैं। पश्चिम त्रिपुरा सीट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अपना भाग्य आजमा रहे हैं। मणिपुर के कानून एवं शिक्षा मंत्री तथा भाजपा उम्मीदवार बसंत कुमार सिंह इनर मणिपुर सीट पर जेएनयू की प्रोफेसर एवं कांग्रेस उम्मीदवार विमल ओकोईजाम के खिलाफ चुनाव लड़ा।

पहले चरण में भाजपा प्रत्याशी कोयम्बटूर से के. अन्नामलाई, द्रविड मुनेत्र कषगम प्रत्याशी कनिमोझी थुथुकुडी से, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी जितिन प्रसाद पीलीभीत से, कांग्रेस से मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ छिंदवाडा से उम्मीदवार हैं।

पहले चरण में मताधिकार प्राप्त 16.63 करोड़ मतदाताओं में 8.4 करोड़ पुरुष और 8.23 करोड़ महिला तथा 11,371 उभयलिंगी मतदाता थे। इनमें से 35.67 लाख मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार मिला था। पहले चरण के मतदान के लिये अधिकृत मतदाताओं में 20-29 वर्ष आयु वर्ग के 3.51 करोड़ मतदाता थे।

पहले चरण में चुनाव में उतरे प्रत्याशियों में 1491 पुरुष और 134 महिला उम्मीदवार हैं।

मतदान करने के लिये 1.87 लाख केंद्र बनाये गये थे और स्वतंत्र एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिये 18 लाख कर्मियों को तैनात किया गया था।

पहले चरण में अन्य चरण की अपेक्षा निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या सबसे अधिक रही । इसके अलावा मतदान और सुरक्षा कर्मियों को लाने-ले जाने के लिये 41 हेलीकॉप्टर, 84 विशेष ट्रेनें और लगभग एक लाख वाहन तैनात किये गये थे।

आयोग ने शांतिपूर्ण और सुचारु रूप से चुनाव कराने के लिये कई निर्णायक कदम उठाये थे। मतदान प्रक्रिया को सुरक्षित करने के लिये मतदान केंद्रों पर पर्याप्त रूप से केंद्रीय बलों को तैनात किया गया । सभी मतदान केंद्रों पर माइक्रो पर्यवेक्षकों की तैनाती के साथ-साथ 50 प्रतिशत से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की गयी। मतदान से कुछ दिन पहले ही 361 पर्यवेक्षक (127 सामान्य पर्यवेक्षक, 67 पुलिस पर्यवेक्षक, 167 व्यय पर्यवेक्षक) अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं। इसके अतिरिक्त, कुछ राज्यों में विशेष पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया। वीडियो निगरानी टीमें और 1255 वीडियो देखने वाली टीमें मतदाताओं को शामिल करने के किसी भी प्रकार से सख्ती से और तेजी से निपटने के लिये चौबीसो घंटे निगरानी रखी।

पहले चरण के 102 सीटों में होने वाले मतदान के लिये 85 वर्ष अधिक के 14.14 लाख से ज्यादा मतदाता पंजीकृत और 13.89 लाख दिव्यांग मतदाता थे, जिन्हें अपने घर से आराम

से मतदान करने का विकल्प प्रदान किया गया। आयोग की इस वैकल्पिक होम वोटिंग सुविधा को पहले से ही जबरदस्त सराहना और प्रतिक्रिया मिली ।

पहले चरण में अन्य छह चरणों के मुताबिक सबसे ज्यादा सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में तमिलनाडु की सभी 39, राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश की आठ, मध्य प्रदेश की छह, महाराष्ट्र की पांच, बिहार की चार, उत्तराखंड की सभी पांचों सीटों, असम की चार, पश्चिम बंगाल की तीन, अरुणाचल, मणिपुर और मेघालय की दो-दो, छत्तीसगढ़, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान-निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप और पुड्डुचेरी की एक-एक लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान कराया गया। इस चरण के चुनाव में असम की डिब्रूगढ़, जोरहाट, काजीरंगा, लखीमपुर और सोनितपुर सीट पर, बिहार की जमुई, औरंगाबाद, गया और नवादा सीट पर , मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा, बालाघाट, जबलपुर, मंडला, सीधी, और शहडोल सीट, महाराष्ट्र की चंद्रपुर, भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली, चिमूर, रामटेक और नागपुर सीट पर, राजस्थान के बीकानेर, गंगानगर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर, दौसा और नागौर सीट, उत्तराखंड की पांचों सीट गढ़वाल, टेहरी गढ़वाल, अल्मोडा, नैनीताल-उधमसिंह नगर और हरिद्वार सीट पर मतदान होगा। पश्चिम बंगाल की जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार में भी आज ही मतदान हुआ।

त्रिपुरा वेस्ट में भी इसी दिन वोट डाले जायेंगे। तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर पहले चरण में मतदान होगा। इनमें चेन्नई उत्तर, चेन्नई दक्षिण, चेन्नई सेंट्रल, श्रीपेरंबदूर, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम, अराक्कोनम, वेल्लोर, कृष्णागिरी, विलुप्पुरम, कल्लाकुरिची, सलेम, नामक्कल, कोयंबटूर, पोलाची, डिंडीगुल, करूर, धर्मपुरी, तिरुवन्नमलाई, अरणी, इरोड, तिरुप्पुर, नीलगिरी, तिरुचिरापल्ली, पेरम्बलूर, कुड्डालोर, चिदम्बरम, थेनी, विरुधुनगर, रामनाथपुरम, थूथुक्कुडी, तेनकासी, मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम, तंजावुर, शिवगंगा, मदुरै, तिरुनेलवेली और कन्याकुमारी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर, बिजनौर, सहारनपुर, कैराना, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में भी आज ही मतदान कराया गया। इसके अलावा असम की डिब्रूगढ़, सोनितपुर और छत्तीसगढ़ की बस्तर सीट पर मतदान हुआ।

कुल सात चरणों में कराये जा रहे इन चुनावों में लोकसभा की 543 सीटों के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और आंध्रप्रदेश विधानसभाओं के चुनाव कराये गये।

लाेकसभा की सभी सीटों और अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और आंध्रप्रदेश विधानसभाओं के चुनावों की मतगणना चार जून को करायी जायेगी।

सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में एक मतदान केन्द्र पर एक पार्टी के कार्यकर्ताओं और सुरक्षा बलों के बीच कहासुनी के वीडियो वायरल हुये।

मणिपुर बाहरी लोकसभा सीट पर छिटपुट हिंसा और अनियमितता की सूचना मिली थी जिसके कारण कुछ समय के लिए मतदान प्रक्रिया रोकनी पड़ी। मोईरांगकम्पू साजेब विधानसभा के मतदान केंद्र पर कुछ उपद्रवियों ने गोलीबारी की। इस दौरान 65 वर्षीय एक बुजुर्ग घायल हो गये और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।उपद्रवियों ने मतदान संबंधी कागजात जला दिये और आग लगा दी।

आयोग ने नक्सलवाद से प्रभावित छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये थे। आयोग ने कहा कि छत्तीसगढ़ के उस इलाके में लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से मतदान में भाग लिया जो हिंसा की जगह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है।

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