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सुप्रीम कोर्ट ने एससीबीए में महिला आरक्षण का दिया निर्देश

नयी दिल्ली, 02 मई : उच्चतम न्यायालय ने समय की चुनौतियों से निपटने के लिए सुधारों पर जोर देते हुए ‘सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ (एससीबीए) के आने वाले चुनाव से एक तिहाई पद महिला सदस्यों के लिए आरक्षित करने का गुरुवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्देश देते हुए कहा कि एससीबीए एक प्रमुख संस्थान है। इसके नाते यह दशकों तक एक जैसा नहीं रह सकती है। चुनौतियों से निपटने के लिए समय पर सुधारों को प्रतिबिंबित करना चाहिए।
पीठ ने निर्देश दिया कि एससीबीए के पदाधिकारियों का एक पद विशेष रूप से महिलाओं के लिए बारी-बारी से (रोटेशन के आधार पर) आरक्षित किया जाएगा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह विशेष महिला आरक्षण 16 मई को होने वाले 2024-25 के चुनावों में कोषाध्यक्ष पद से शुरू होगा।
पीठ ने कहा, “हालांकि, बार के सदस्यों के सुझावों पर उचित विचार के बाद ऐसे सुधार लाए जाने की जरूरत है। हमारा विचार है कि एससीबीए एक प्रमुख संस्थान है और देश के सर्वोच्च न्यायिक मंच का एक अभिन्न अंग। मानदंड, पात्रता शर्तें, सदस्यता, सदस्यता शुल्क संरचना आदि दशकों तक स्थिर नहीं रह सकते हैं। इनमें समय पर सुधार करना होगा। समय-समय पर संस्थान के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना आवश्यक है।”
शीर्ष अदालत ने एससीबीए की कार्यकारी समिति से बार के सभी सदस्यों से सुझाव आमंत्रित करने को भी कहा। पीठ ने कहा, “एससीबीए की विशेष आम सभा द्वारा पारित किसी भी प्रस्ताव के बावजूद इसकी कार्यकारी समिति में कुछ पद बार की महिला सदस्यों के लिए आरक्षित होने चाहिए।”
तदनुसार, हम निर्देश देते हैं कि बार की कार्यकारी समिति में न्यूनतम एक तिहाई सीटें यानी नौ में से तीन और वरिष्ठ कार्यकारी सदस्यों में से न्यूनतम एक तिहाई यानी कि छह में से दो (आगामी चुनाव सहित) सीटें महिला सदस्यों के लिए आरक्षित होंगी।

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