इसरो का एलवीएम-एम3/वनवेब-इंडिया 2 मिशन सफल
श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) 26 मार्च : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने रविवार को यहां शार रेंज से एक समर्पित दूसरे वाणिज्यिक प्रक्षेपण में एलवीएम-एम3 मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने के साथ ही ब्रिटेन वनवेब के सभी 36 उपग्रहों को पृथ्वी की निचली कक्षा में (एलईओ) में स्थापित किया गया।
एलवीएम-3 रॉकेट ने साढ़े 24 घंटे की उलटी गिनती के बाद शार प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे नंबर के लांच पैड से सुबह नौ बजे निर्धारित समय पर उड़ान भरी और उपग्रहों को एलईओ कक्षा में स्थापित किया। 36 उपग्रहों का कुल वजन लगभग 5,805 किलोग्राम था।
इसरो ने कहा कि उड़ान के लगभग 20 मिनट बाद सभी 36 उपग्रहों को प्रक्षेपण यान से अलग किया गया और चरणबद्ध तरीके से 450 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया।
इसरो ने कहा कि वर्तमान मिशन, एलवीएम3-एम3, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) द्वारा ब्रिटेन के लिए दूसरा समर्पित वाणिज्यिक उपग्रह मिशन है।
मिशन की सफलता के बाद इसरो ने ट्वीट किया,“ एलवीएम3-एम3/वनवेब इंडिया-2 मिशन पूरा हुआ! सभी 36 वनवेब जेन -1 उपग्रहों को अभीष्ट कक्षाओं में स्थापित किया गया। अपनी लगातार छठी सफल उड़ान में एलवीएम3 ने 5,805 किलोग्राम पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में पहुंचाया।”
मिशन के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने इस सफल मिशन के लिए एनएसआईएल, इसरो और वनवेब को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इसरो के भारी लिफ्ट लॉन्च वाहन ने अच्छा प्रदर्शन किया और अंतरिक्षयानों को सही कक्षा में स्थापित किया।
उन्होंने इस मिशन के लिए और बहुत कम समय में इसे लॉन्च करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने इस प्रक्षेपण यान की विश्वसनीयता की सफलता पर काम करने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को भी धन्यवाद दिया और कहा,“हम इस रॉकेट के साथ भविष्य के मिशनों के लिए अपने ग्राहकों के साथ काम करने के इच्छुक हैं।”
डॉ सोमनाथ ने कहा कि मिशन की सफलता ने उनकी टीम को भारत के पहले मानव उड़ान मिशन ‘गगनयान’ की दिशा में आगे बढ़ने का विश्वास दिया है, जिसके लिए अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए एलवीएम रॉकेट का उपयोग किया जाएगा।
एक ट्वीट में वनवेब ने कहा,“वनवेब लॉन्च18 सफल रहा! हमारी टीम ने आज सुबह लॉन्च किए गए सभी 36 उपग्रहों से संपर्क किया है, जिसका अर्थ है कि अब हमने वैश्विक कवरेज के लिए आवश्यक सभी उपग्रहों को लॉन्च कर दिया है।”
संजय अशोक
वार्ता