Jharkhand : बाबूलाल मरांडी ने लिखा पत्र, पुलिस भवन निर्माण निगम में अनियमितता की शिकायत
रांची, 13 मार्च । भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को पुलिस भवन निर्माण निगम में अनियमितता की शिकायत मुख्य सचिव सुखदेव सिंह से की है। इस संबंध में पत्र सौंपते हुए अनियमितता के लिए आईएएस राजीव अरुण एक्का, बिचौलिया विशाल चौधरी और इंजीनियर सुरेश ठाकुर को कटघरे में खड़ा करते हुए उनकी संलिप्तता की जांच तथा कार्रवाई की मांग की है। पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी भेजी गई है। पत्र के साथ बाबूलाल ने कुछ जरूरी कागजात भी लगाए हैं।
बाबूलाल मरांडी ने पत्र के माध्यम से कहा है कि निगम में कार्यरत कार्यपालक अभियंता सुरेश ठाकुर रिटायर हो चुके थे। बाद में बिना विज्ञापन निकाले उन्हें दोबारा कार्यपालक अभियंता के पद पर अनुबंध पर नौकरी दी गयी। निगम में अधीक्षण अभियंता के रहते हुए भी कार्यपालक अभियंता सुरेश ठाकुर को मुख्य अभियंता का प्रभार सौंपा गया।
उन्होंने कहा कि सुरेश ठाकुर ने 2 फरवरी 2023 को पुनः अपने सेवा विस्तार के लिए तत्कालीन गृह सचिव राजीव अरुण एक्का को पत्र लिखा। गृह सचिव ने उसी दिन सेवा विस्तार देने के लिए निगम के प्रबंध निदेशक को आदेश दे दिया। अभियंता द्वारा सीधे गृह सचिव को पत्र लिखना और फिर गृह सचिव का इस विषय पर सीधे आदेश देना दोनों ही नियम विरूद्ध है। जबकि किसी अभियंता की नियुक्ति या सेवा विस्तार झारखंड पुलिस भवन निर्माण निगम बोर्ड द्वारा ही किये जाने का नियम है। चर्चा है कि बिचौलिया विशाल चौधरी ने इस काम में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि विशाल चौधरी की कंपनी रोलेक्स सोलुशन को गलत तरीके एवं फर्जी कागजातों के आधार पर भवन निर्माण निगम में कई काम दिये गए। इसमें सुरेश ठाकुर ने भूमिका निभाई। 24 मई 2022 को विशाल चौधरी के यहां ईडी का छापा पड़ा। मामला सामने आने के बाद डर से दो जून को कंपनी रोलेक्स सोलुशन को गोड्डा में आवंटित काम के ठेके का एकरारनामा रद्द कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि फिर वरीय अफसरों पर उसके प्रभाव के चलते 12 और 13 जुलाई को सिक्योरिटी मनी की राशि लौटाने का आदेश दे दिया गया। प्रभारी मुख्य अभियंता को खुद के फंसने का एहसास हुआ तो कंपनी रोलेक्स सोलुशन को लौटा दी गई। जमानत राशि को फिर से निगम ने जमा करने का आदेश इस साल 31 जनवरी को दिया गया। बाबूलाल ने मुख्य सचिव से कहा है कि चूंकि मामला मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह गृह विभाग के प्रधान सचिव जैसे उच्च पद पर रहे अधिकारी से जुड़ा हुआ है। ऐसे में उनके सिवाय दूसरा कोई भी मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकता। अतः वे अपनी निगरानी में इस मामले की बिना विलंब किए निष्पक्ष जांच करा कर कार्रवाई करें, जिन अधिकारियों ने ठेका रद्द करने के बाद सिक्योरिटी मनी लौटाने का गलत काम किया, उन्हें पद से हटाएं। साथ ही ऐसे लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दें।
बाबूलाल मरांडी के लगाए आरोप को लेकर पूर्व गृह सचिव और वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरूण एक्का ने कहा कि जब भी उन्हें कोई पत्र लिखता है, तो वे पहले देखते हैं कि वह उनके हाथ में है कि नहीं। अगर नहीं है, तो वे नियमानुसार कार्रवाई के लिए पत्र को आगे भेजते हैं। इस मामले में भी उन्होंने ऐसा ही किया था।
हिन्दुस्थान समाचार