HindiJharkhand NewsNewsPolitics

Jharkhand : विधानसभा में होल्डिंग टैक्स पर घिरी सरकार, पुनर्विचार का दिया भरोसा

रांची, 3 अगस्त । झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन बुधवार को सरकार ने होल्डिंग टैक्स पर पुनर्विचार करना स्वीकार कर लिया। विधानसभा में विधायक सरयू राय के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बहस के दौरान सरकार घिर गई और अंत में प्रभारी मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि इस मामले पर वे मुख्यमंत्री के साथ विमर्श करेंगे और तदनुसार सरकार इस पर पुनर्विचार करेगी।

सरयू राय ने अपने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कहा कि 2016 में होल्डिंग टैक्स में भारी वृद्धि हुई और फिर 2022 में सरकार ने इसको सर्किल रेट से जोड़ दिया, फलतः इसमें दुबारा भारी वृद्धि हो गई है। यह वृद्धि व्यावहारिक नहीं है, इसलिए सरकार इसे वापस ले। सरकार के उत्तर में कहा गया कि 15वें वित्त आयोग और अमृत 2.0 के निर्देश के आलोक में होल्डिंग टैक्स को सर्किल रेट से जोड़ने का निर्देश दिया गया है।

राय ने कहा कि सरकार का यह उत्तर गलत है। 15वें वित्त आयोग में सम्पति कर के संबंध में चार आधार दिये गये हैं। पहला आधार है- गाइडेंस वैल्यू, दूसरा- एन्यूअल रेन्टल वैल्यू, तीसरा- यूनिट एरिया वैल्यू और चौथा- सर्किल रेट। 15वें वित्त आयोग के प्रतिवेदन में यह भी कहा गया है कि सम्पति कर का निर्धारण न्यूनतम होना चाहिए यानी उपरोक्त चार आधारों में से, जिसमें संपत्ति कर न्यूनतम हो, उसको अपनाना चाहिए।

राय ने कहा कि सरकार के अधिकारी मंत्रियों को गुमराह कर रहे हैं, सदन को भी गुमराह कर रहे हैं। ये तथ्य के विपरीत सूचनाएं सदन में देते हैं। राय ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि उन्होंने पूछा है कि 2016 में होल्डिंग टैक्स में भारी वृद्धि हुई है तो सरकार को बताना चाहिए था कि 2016 के पहले होल्डिंग टैक्स कितना था, 2016 में होल्डिंग टैक्स बढ़कर कितना हो गया और इस वृद्धि का आधार क्या था ? परन्तु सरकार ने यह नहीं बताया और सीधे गलत सूचना सदन को दे दिया कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर होल्डिंग टैक्स को सर्किल रेट से जोड़ा गया है।

इसके बाद जवाब दे रहे प्रभारी मंत्री ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के साथ विमर्श करके इस पर पुनर्विचार करेंगे। राय ने सदन को बताया कि 15वें वित्त आयोग के निर्देशों में यह भी कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में सरकार पानी, बिजली, सफाई, सीवरेज, ट्रांसर्पोटेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाएं देने का क्या इंतजाम किया है, ये सुविधाएं कितने लोगों को मिल रही हैं। इनका स्तर भी होल्डिंग टैक्स तय करने का आधार होना चाहिए। इस आधार पर भी होल्डिंग टैक्स को सर्किल रेट से जोड़ना निहायत अव्यावहारिक है।

हिन्दुस्थान समाचार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *