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पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका झारखंड हाई कोर्ट ने वापस लेने का निर्देश दिया

रांची। ईडी की गिरफ्तारी के पहले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली जाने के बाद करीब 40 घंटे से अधिक समय तक ट्रेसलेस रहने को लेकर दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में हुई। मामले में याचिकाकर्ता के आग्रह को देखते हुए जस्टिस रोंगोन मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की बेंच ने याचिका वापस लेने का निर्देश दिया।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि ईडी ने हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया है। वह अभी बिरसा मुंडा जेल में ईडी की न्यायिक हिरासत में हैं, इसलिए अब इस याचिका की सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली जाने के बाद ट्रेसलेस रहने को लेकर अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर सोरेन को ढूंढ कर सामने लाने का अदालत से आग्रह किया था। जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए ईडी ने 10वां समन जारी कर 29 से 31 जनवरी के बीच पूछताछ के लिए समय निर्धारित करने का आदेश दिया था।

इसके पहले हेमंत सोरेन 27 जनवरी की शाम रांची से दिल्ली के लिए रवाना हो गये थे। 29 जनवरी को हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर ईडी ने तलाशी ली थी, उस समय हेमंत सोरेन वहां मौजूद नहीं थे। 30 जनवरी को हेमंत सोरेन रांची में नजर आये थे और 31 जनवरी को पूछताछ के क्रम में ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था।

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