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दाड़िभिट मामले में हाई कोर्ट ने गृह और मुख्य सचिव को चेतावनी देकर दी राहत

कोलकाता। दाड़िभिट गोलीकांड में छात्र की मौत की घटना पर राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, एडीजी सीआईडी ने सोमवार को हाई कोर्ट में वर्चुअल उपस्थिति दर्ज करायी है। जस्टिस राजशेखर मंथा ने कहा, ”आपको एजी से बात करनी चाहिए। वह कानून जानते हैं। हम जानते हैं कि आप दबाव में हैं लेकिन कुर्सी का सम्मान होना चाहिए। जब कोर्ट ने नियम जारी कर दिया है तो आपका उपस्थित होना और बोलना अनिवार्य है।”

राज्य ने कहा, बहुत सारी जानकारी एनआईए को सौंप दी गई है। इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार के अधिकारियों को चेतावनी देकर राहत देते हुए कहा कि तत्काल कोर्ट के आदेश का पालन हो। कोर्ट ने सवाल किया कि दस महीने बाद भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच के दस्तावेज क्यों नहीं दिए गए।

सितंबर 2018 में, उत्तरी दिनाजपुर के इस्लामपुर में दाड़िभिट हाई स्कूल शिक्षक भर्ती को लेकर हंगामे के बाद राजेश सरकार और तापस बर्मन नाम के दो पूर्व छात्रों की गोली लगने से मौत हो गई थी। स्थानीय लोगों ने पुलिस पर फायरिंग के आरोप लगाये थे। हालांकि पुलिस ने आरोपों से इनकार किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सबसे पहले घटना की सीआईडी जांच का आदेश दिया। हालांकि, पिछले साल 10 मई को जस्टिस राजशेखर मंथा ने उस मामले में एनआईए जांच का आदेश दिया था। साथ ही जज ने प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद देने को भी कहा था।

आरोप है कि दस माह बाद भी हाईकोर्ट के आदेश पर अमल नहीं किया गया है। इसी को लेकर कोर्ट के आदेश के मुताबिक आज सोमवार को राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और एडीजी सीआईडी को कोर्ट में पेश होकर बताना था कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

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