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व्यवसायिक नैतिकता पर कभी समझौता न करें : धनखड़

गया 07 अप्रैल : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नेतृत्व में मूल मूल्यों के महत्व को रेखांकित किया और युवाओं को प्रलोभनों एवं अनैतिक शॉर्टकटों के आगे झुकने के प्रति आगाह करते हुए आज कहा कि नैतिक नेतृत्व पर समझौता नहीं किया जा सकता।
श्री धनखड़ ने रविवार को आईआईएम (भारतीय प्रबंधन संस्थान), बोधगया के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “नैतिक नेतृत्व पर समझौता नहीं किया जा सकता। नैतिकता से समझौता करने से आप उस तरह का विजेता नहीं बन सकते, जिसे दुनिया सलाम करेगी।”
उपराष्ट्रपति ने देश की आर्थिक प्रगति की ऒर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि भारत आज विश्व अर्थव्यवस्था के लिए आशा की नई किरण बनकर उभरा है। उन्होंने देश की समृद्धि और संप्रभुता के लिए आर्थिक राष्ट्रवाद के महत्व को रेखांकित किया नागरिकों से ‘स्वदेशी’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को राष्ट्रीय आदत बनाने की अपील करते हुए कहा कि ऐसा करने से हमारे विदेशी मुद्रा भंडार में महत्वपूर्ण सकारात्मक योगदान होगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा।

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