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मेरे भाषण को गलत तरीके से समझा गया: ममता

कोलकाता 29 अगस्त : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि तृणमूल कांग्रेस छात्र इकाई के बुधवार को स्थापना दिवस के मौके पर अपने भाषण में संत श्री रामकृष्ण परमहंस देव की एक पंक्ति ‘फोंश करा’ (सांप की फुफकार) का हवाला दिया था जिसे गलत तरीके से समझा और उद्धृत किया गया।

सुश्री बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “मैंने भाजपा के खिलाफ बोला है। मैंने उनके खिलाफ बोला है, क्योंकि केंद्र सरकार के समर्थन से वे हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र के समर्थन से वे अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और मैंने उनके खिलाफ आवाज उठायी है।”

उन्होंने कहा, “मैं यह भी स्पष्ट करती हूं कि कल मैंने अपने भाषण में जिस वाक्यांश ‘फोंश करा’ का इस्तेमाल किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव का एक उद्धरण है। महान संत ने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है। जब अपराधी और अपराध होते हैं, तो विरोध की आवाज उठानी पड़ती है। उस बिंदु पर मेरा भाषण महान रामकृष्ण के कथन से प्रेरित था।”

मुख्यमंत्री ने राज्य में प्रदर्शनकारी छात्रों को धमकाने के आरोपों को खारिज किया और कहा कि ये उनके खिलाफ कथित दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने छात्रों या उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन वास्तविक है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर करने का आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।”

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