हंगामे के कारण संसद में लगातार तीसरे दिन कोई कामकाज नहीं
नयी दिल्ली,15 मार्च : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेश में दिये गये वक्तव्य पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के अडानी समूह की हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर जांच करने की मांग को लेकर संसद में बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित किये जाने से कोई कामकाज नहीं हो सका।
लोकसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे जैसे ही शुरू हुई तो विपक्ष के सदस्य तख्तियां लेकर और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोबीच आ गये। सत्तापक्ष की तरफ से श्री गांधी के खिलाफ नारेबाजी की गयी जिसके कारण सदन में भारी शोरशराबा हुआ।
हंगामा कर रहे सदस्यों को पीठासीन अधिकारी भर्तृहरि महताब ने चेतावनी दी कि वे तख्तियां नहीं लहराएं। उन्होंने कहा कि तख्तियां लेकर सदन में आना नियमों के विरुद्ध है। तख्तियां लाने पर उन्होंने सख्त एतराज जताया। इससे पहले अध्यक्ष ओम बिरला भी तख्तियां लेकर आने पर सदस्यों को कई बार चेतावनी दे चुके हैं और बार बार सदस्यों को ऐसा नहीं करने के लिए कहा जा रहा है।
पीठासीन अधिकारी ने हंगामे के बीच ही जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए और नियम 377 के तहत सदन की कार्यवाही शुरू कर दी। इसी बीच सदन में हंगामा बढ़ गया तो पीठासीन अधिकारी ने सदस्यों से कहा, “ सबको बताना चाहता हूं कि संसद काम करने के लिए होती है और यहां काम करना अनिवार्य है। मेरा निवेदन है कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ पीठासीन अधिकारी की ही नहीं बल्कि सदस्यों की भी है, हमें इसका पालन करना चाहिए।”
उन्होंने नाराजगी भरे स्वर में कहा कि सदन में सदस्य कागज लेकर आ सकते हैं लेकिन तख्तियां लाना नियम के विरुद्ध
है।
इसी बीच, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी हस्तक्षेप किया और कहा कि तख्तियां सदन में नहीं लायी जा सकती।
श्री महताब ने सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर शांति बनाए रखने और संसद का कार्य चलाने में सहयोग देने का आग्रह किया लेकिन किसी सदस्य ने उनकी नहीं सुनी और हंगामा बढता गया तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू किया तो विपक्षी सदस्य तब भी नारे लगाते हुए और हाथों पर तख्तियां लेकर आसन के सामने आकर हंगामा करने लगे। जवाब में सत्ता पक्ष की तरफ से भी श्री गांधी के विदेशी धरती पर संसद के बारे में कथित रूप से आपत्तिजनक बयान को लेकर नारेबाजी होने लगी। सदन में दोनों पक्षों की तरफ से नारेबाजी के साथ हंगामा होने लगा तो अध्यक्ष ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की मर्यादा का पालन करने का आग्रह किया।
श्री बिरला ने कहा कि सदन चर्चा एवं संवाद के लिए वह सभी सदस्यों को इसके लिए पर्याप्त समय देंगे, लेकिन इसका दोनों ओर कोई असर नहीं हुआ। उन्होंने विपक्षी सदस्यों को सख्तियां नहीं लहराने की बार बार चेतावनी दी लेकिन उनकी बात का सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी हस्तक्षेप करते हुए शोरशराबे के बीच श्री गांधी एवं विपक्ष के आचरण के ऊपर सवाल उठाये लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि सदन के भीतर अथवा बाहर संसद के बारे में किसी को टीका टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
अध्यक्ष ने सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा,“ यह सदन आपका है। तख्तियां लेकर सदन में आना गलत है। प्रश्नकाल के बाद अपने मुद्दे उठाएं, इसलिए अपने सीटों पर बैठें। मेरी मंशा है कि सदन चले। आप अपनी-अपनी सीटों पर जाकर अपनी बातें रखें। सदन की मर्यादा बनाए रखें और यह सबकी जिम्मेदारी है। ”
हंगामा कर रहे सदस्यों पर अध्यक्ष की बात का कोई असर नहीं हुआ और वे तख्तियां लहराते रहे और नारेबाजी करते रहे। हंगामा बढ़ता गया तो श्री बिरला ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
श्री महताब ने सदस्यों से अपनी सीटों पर जाकर शांति बनाए रखने और संसद का कार्य चलाने में सहयोग देने का आग्रह किया लेकिन किसी सदस्य ने उनकी नहीं सुनी और हंगामा बढता गया तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
राज्य सभा में भी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल लगातार तीसरे दिन भी नहीं हो सका।
भोजनावकाश के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को बोलने के पुकारा तो सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी आंरभ कर दी। इसके जवाब में विपक्षी सदस्य भी शोर शराबा करने लगे। इस पर श्री धनखड़ ने सदस्यों से शांत होने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की लेकिन सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। स्थिति को देखते हुए श्री धनखड़ ने दो मिनट के भीतर सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
पूर्वाह्न 11 बजे आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद सभापति ने नियम 267 के तहत दिये गये नोटिस का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके तहत सात श्रेणियों में 11 नोटिस दिया गया है। इसके बाद भाजपा के सदस्यों ने अपनी सीट के पास खड़े होकर शोरगुल करना शुरू कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के सदस्यों ने भी अपनी सीट के पास खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया। इसी दौरान सभापति ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
गौरतलब है के बजट सत्र के दूसरे चरण की सोमवार को शुरुआत के बाद से ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लंदन में दिये गये वक्तव्य को लेकर सत्ता पक्ष के सदस्य उनसे माफी की मांग करते हुए हंगामा कर रहे हैं और विपक्षी सदस्य अडानी समूह पर अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के मद्देनजर पूरे मामले की जांच की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे हैं जिससे लगातार दो दिनों तक सदन में कोई कामकाज नहीं हो सका है।
गौरतलब है कि श्री गांधी के लंदन में देश के लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर सत्ता के कड़े तेवर और विपक्ष के अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर किये जा रहे हंगामे की वजह से संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के लगातार तीसरे दिन दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हो सका।
श्रवण.मनोहर
वार्ता