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संजय सिंह का आरोप: शराब घोटाले में पूरी तरह लिप्त है बीजेपी, ये कमल छाप घोटाला है

नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि यह तथाकथित शराब घोटाला कमल छाप घोटाला है। इस शराब घोटाले में भाजपा पूरी तरीके से लिप्त है। उन्होंने कहा कि भारत के गृहमंत्री ने एक राष्ट्रीय चैनल पर झूठ बोला और भारतीय जनता पार्टी पर लगे आरोप को छुपाने का प्रयास किया।

संजय सिंह ने कहा कि एड के द्वारा जिस शरथ रेड्डी को इस पूरे घोटाले का किंगपिन बताया जा रहा है, उसने सीधे-सीधे भारतीय जनता पार्टी को 60 करोड़ रुपए की रिश्वत दी। उससे रिश्वत ली गई और उसे बचाया गया। कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर होनी चाहिए, गिरफ्तारी उनकी होनी चाहिए। लेकिन गिरफ्तारी हो रही है अरविंद केजरीवाल की, मनीष सिसोदिया की। मुझे भी पकड़ कर 6 महीने जेल में डाल दिया। ईडी ने अब तक 500 रेड मारी है। इस दौरान न मनीष सिसोदिया के और न ही अरविंद केजरीवाल के घर से कोई बरामदगी हुई है।

संजय सिंह ने कहा, जब हम कहते हैं कि शरथ रेड्डी ने कमल छाप दारू घोटाले किया तो उस पर न ईडी बोलती है, ना सीबीआई, ना मोदी जी बोलते हैं, ना अमित शाह जी बोलते हैं, ना जेपी नड्डा बोलते हैं और ना ही एलजी साहब बोलते हैं।

संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इस देश में दोहरा कानून चलता है। बिना सबूत के आम आदमी पार्टी पर कार्रवाई और सारे सबूत होने के बाद भाजपा पर कोई कार्रवाई नहीं।

संजय सिंह ने कहा है कि मैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद करना चाहूंगा जिसने इलेक्टोरल बॉन्ड की रिपोर्ट को बाहर लाने के लिए कहा था जिसके बाद पता चला कि किसने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने कहा कि यह इलेक्टोरल बांड असंवैधानिक है।

संजय सिंह ने पूरे केस को समझाते हुए कहा कि शरथ रेड्डी को जब दिल्ली में ठेका मिला तो नवंबर 2021 से लेकर जुलाई 2022 के बीच इसने 5 जनवरी को 3 करोड़ चंदा बीजेपी को दिया, 12 जनवरी को 3 करोड़ चंदा फिर बीजेपी को दिया। 2 जुलाई को डेढ़ करोड़ रुपये चंदा बीजेपी को दिया, 12 जुलाई को फिर डेढ़ करोड़ रुपये दिए।

उन्होंने बताया कि जब तक उसका ठेका यहां पर चल रहा था, उसने भारतीय जनता पार्टी को रिश्वत खिलाई। 9 नवंबर को जब उसके घर पर छापेमारी हुई तो उसने कहा उसने किसी को रिश्वत नहीं दी। 10 नवंबर को शरथ रेड्डी गिरफ्तार हो जाता है उसके बाद 15 नवंबर को फिर 5 करोड़ रुपए बीजेपी को चंदा दिया जाता है। जब वह ईडी की कस्टडी में था तो कैसे उसके बैंक अकाउंट चल रहे थे, यह बड़ा सवाल है।

संजय सिंह ने बताया कि 6 जनवरी 2023 को ईडी ने जब चार्जशीट पेश की तो उसमें शरद चंद्र रेड्डी को सबसे बड़ा घोटालेबाज बताया गया था और किंगपिन भी बताया गया। 20 जनवरी को जब शरथ चंद्र रेड्डी की बेल एप्लीकेशन लगती है तो उसमें कहा जाता है कि उस पर और उसके कर्मचारियों पर ईडी दबाव डाल रही है। बेल एप्लीकेशन में यह भी लिखा है कि दिल्ली सरकार के अधिकारियों को 100 करोड़ रिश्वत देने की बात बिल्कुल झूठी है।

संजय सिंह ने कहा कि 26 अप्रैल 2023 को शरथ चंद रेड्डी ने यूटर्न मारा और कहा कि 100 करोड़ की रिश्वत का कुछ हिस्सा वह देने को सहमत हो गया था दिल्ली सरकार के अधिकारियों को। 8 मई 2023 को जब शरथ चंद्र रेड्डी की बेल एप्लीकेशन लगती है दिल्ली हाई कोर्ट में तो उसका ईडी विरोध नहीं करती और उसकी बीमारी होती है कमर दर्द। 8 मई को बेल मिलने के बाद वह 2 जून को सरकारी गवाह बन जाता है। उसके बाद वह 50 करोड़ रुपए भारतीय जनता पार्टी को चंदा देता है।

उन्होंने कहा, गृहमंत्री कहते हैं कि उसने पार्टी के एमपी यूनिट को पैसा दिया, अगर वह आरोपी था तो उसे पैसा नहीं देना चाहिए था। इस बात से यह साबित होता है कि आपको सब पता था और उसके बावजूद आप झूठ बोल रहे हैं।

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