सुप्रीम कोर्ट ने अरावली क्षेत्र में खान आवंटन और नवीनीकरण पर लगाई रोक
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने अरावली रेंज और अरावली पहाड़ी की परिभाषा तय होने तक अरावली क्षेत्र में खानों के आवंटन और अवधिपार खानों के नवीनीकरण को कोर्ट की मंजूरी के बाद ही अंतिम रूप देनी के आदेश दिए हैं ।
कोर्ट ने केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को राजस्थान सहित चार राज्यों के साथ बैठक कर दो महीने में अरावली रेंज व अरावली पहाड़ी के बारे में रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। मामले में अगली सुनवाई अगस्त महीने में होगी।
सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बी आर गवई व न्यायाधीश अभय एस ओका की विशेष पीठ ने एम सी मेहता प्रकरण में यह आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सरकार का पक्ष रखा।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है अरावली क्षेत्र्र में मौजूदा खनन गतिविधियां प्रभावित नहीं होंगी। नीलामी प्रक्रिया, अनुमति, क्लीयरेंस व अन्य आवेदनों पर प्रक्रिया भी जारी रह सकेगी। नई लीज खनन संबंधी सभी वैधानिक अनुमतियों के बाद सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से ही क्रियान्वित हो सकेगी। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से कहा कि अरावली रेंज व अरावली पहाडी को परिभाषित करने के लिए राजस्थान, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, हरियाणा व गुजरात के साथ बैठक करे और दो महीने में कोर्ट में रिपोर्ट पेश की जाए।