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मंदिरों पर से समाप्त होना चाहिए सरकार का नियंत्रण : शंकराचार्य सदानंद सरस्वती

मनोहरपुर (चाईबासा ): मंदिरों पर सरकार का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए। सरकार धर्म निरपेक्ष है। किसी मंदिर पर सरकार कैसे शासन कर सकती है। मस्जिद में, चर्च में, गुरुद्वारा में सरकार का शासन नहीं है। हमारे मंदिरों पर क्यों सरकार शासन करती है। उक्त बातें जगदुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने झारखंड के पश्चिमी सिंह जिले के मनोहरपुर स्थित विश्व कल्याण आश्रम में पत्रकार वार्ता में

कही। उन्होंने कहा कि 75 वर्ष से हम लोगों की यह मांग है कि मंदिरों पर से सरकार का शासन हटना चाहिए। सरकार का हस्तक्षेप धार्मिक स्थलों व मंदिरों में बंद होना चाहिए। धर्म की रक्षा व धर्म प्रचार के लिए अब तीन ही लोगों की जिम्मेदारी है, माता, पिता और गुरु। स्कूलों में तो धर्म की शिक्षा है नहीं। बैन कर दी है। आर्टिकल 30 व 30 ए के अनुसार हिंदुओं को धार्मिक शिक्षा किसी भी शिक्षा केंद्र में नहीं दी जा सकती। ये दोनों आर्टिकल हिंदुओं के बालकों को शिक्षा के केंद्रों में धार्मिक शिक्षा प्रदान करने से रोकती है। इस आर्टिकल को तत्काल हटाना चाहिए, सरकार से यह हमारी

मांग है। भारत को विश्वगुरु बनाने की बात पर जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि भारत को विश्व गुरु अवश्य बनाना चाहिए। विश्वगुरु का संकल्प हर एक का होना चाहिए। हम भारत में रहते हैं। भारत की उन्नति होती है, इसको हिन्दू राष्ट्र हम घोषित करते हैं और अगर ये विश्वगुरु बनता है, विश्वगुरु की योग्यता को धारण करता है, तो ये हमारे लिए गौरव की बात है। प्रत्येक हिंदुस्तानी के लिए जो भारत में निवास करने वाले लोग हैं, जो भारत के संविधान का पालन करते है। जो भारत का आटा-दाल और चावल खाते हैं, उनके लिए ये बड़ी बात है कि हमारा देश विश्व गुरु बने। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करना चाहिए।

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