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कांग्रेस की सामाजिक-राजनीतिक सोच मुस्लिम लीगी, आर्थिक सोच माओवादी : जयशंकर

नयी दिल्ली 04 मई : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि आज की कांग्रेस की सामाजिक राजनीति सोच मुस्लिम लीग की और आर्थिक सोच माओवादी है। इसीलिए कांग्रेस के नेता आपसी मतभेदों के कारण विदेशी शक्तियों को आमंत्रित करके उसी इतिहास को दोहराने की कोशिश कर रहे हैं जिसने देश का बहुत बड़ा नुकसान किया है।
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने एक टेलीविजन नेटवर्क के साथ आज एक साक्षात्कार में यह बात कही। उन्होंने कहा कि चार जून को भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 400 से अधिक सीटें मिलेंगी। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेशों में जाकर भारतीय लोकतंत्र को बचाने की गुहार लगाने पर अफसोस जताया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को कानून का राज बताया।
यह पूछे जाने पर कि क्या वाकई में इन चुनावों में 400 पार का आंकड़ा हासिल कर पाएंगे जबकि कम मतदान को लेकर विपक्ष हावी हो रहा है, विदेश मंत्री ने कहा, “विपक्ष तो ऐसा कहेगा ही। लेकिन आपको यह पूछना होगा कि मतदान स्थल तक किसके मतदाता नहीं पहुंचे। हमें तो लगता है कि हमारे तो पहुंचे हैं। मैं तो यहीं कहूंगा कि 4 जून को आप 400 का आंकड़ा देखेंगे।”
उन्होंने कहा कि ये दस साल का रिकॉर्ड है। लोगों को मोदी सरकार पर विश्वास है। लोगों की सोच में यह स्वाभिक लगता है कि अब ऐसी सरकार होनी चाहिए कि जो वे वायदा करते हैं उसे बहुत ही सोच-समझकर करते हैं और उसे पूरा भी करते हैं। इसलिए मतदान प्रतिशत थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे जा सकता है। इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन हमारी पार्टी में जो बातचीत चल रही है कि अगर कहीं वोटिंग कम भी हुई है तो हम अपने वोटर पर पूरा भरोसा रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मुस्लिम आरक्षण को लेकर आ रहे बयानों, कांग्रेस के घोषणा पत्र की तुलना मुस्लिम लीग से किये जाने के मुद्दे पर राय पूछे जाने पर डाॅ. जयशंकर ने कहा, “आरक्षण के विषय को कांग्रेस पार्टी ने लोगों के सामने रखा है और इसे वह कई वर्षों से रखती आ रही है। मनमोहन सिंह सरकार ने आंध्र प्रदेश में क्या किया था, कांग्रेस सरकार कर्नाटक में अभी क्या कर रही है। आरक्षण के मुद्दे पर हम लोग अपना रुख स्पष्ट कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “रही बात कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र की तो यह 50 फीसदी मुस्लिम लीग और 50 फीसदी माओवादी है। उनकी आर्थिक सोच बिल्कुल माओवादी है। उनकी सामाजिक और राजनीतिक सोच मुस्लिम लीग है। इन दोनों का आधा-आधा मिला लें तो आज की कांग्रेस पार्टी वही है।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विदेशों में जा कर भारतीय लोकतंत्र खतरे में बताये जाने और बाहर के देशों से मदद मांगे जाने के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा, “मुझे सच में दुख होता है। हम घर में एक-दूसरे से जितना भी विवाद है, उसे घर में ही रखना चाहिए। बाहर जाकर लोगों को भड़काना कि आप हमारे बारे में क्या कर रहे हैं। आपसे भी हमें अपेक्षा है, इसका नतीजा होता है कि बाहर के लोग हमारी राजनीति और हमारे चुनावों में दखलंदाजी करते हैं।”
डॉ. जयशंकर ने इतिहास में मीरजाफर एवं जयचंद के किरदारों की ओर इशारा करते हुए कहा, “अगर आप भारत का इतिहास देखें तो जितनी भी दुर्घटनाएं हुई हैं वो कैसे हुईं। हमने आपस के विवाद में बाहर को लोगों को बुला लिया। वही चीज फिर से हो रही है। अगर वे सोचते हैं कि भारत में कुछ कमी है, कोई नीति बदलनी चाहिए या खुद उन्हें सत्ता में आना चाहिए, ये उनका मत है। लेकिन जब मैं देखता हूं कि कोई नेता देश के बाहर जाकर देश की बुराई करता है और इस प्रकार के आरोप लगाता है, जो केवल सरकार के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि पूरे देश या हमारे सिस्टम के खिलाफ हैं। मतदान प्रणाली के खिलाफ कुछ कहें या हमारी फौज के बारे में कुछ कहें तो ये देश के हित में नहीं है। ऐसी चीजों कभी नहीं होनी चाहिए।”
ब्रिटेन के एक अखबार की रिपोर्टों में श्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर या अन्य 10 मुद्दों को लेकर टिप्पणी किये जाने दूसरे देशों में हत्याएं करवाने के आरोपों पर एक सवाल के जवाब में डाॅ. जयशंकर ने कहा, “श्री केजरीवाल की गिरफ्तारी पर ये बताएं कि कानून, कानून होता है. और चुनाव, चुनाव होते हैं। बताएं कि किसी देश में चुनाव के कारण कानून रुकता है क्या? ये कहना कि चुनाव हो रहा है, इसलिए ये सब चीजें रुकनी चाहिए, और कानूनी कार्रवाई भी रोकनी चाहिए, मुझे लगता है कि इंग्लैंड या अमरिका पहले खुद करके दिखाएं।”
उन्होंने कहा, “रही बात घर में घुसकर मारने की तो सब जानते हैं कि पाकिस्तान एक अजीब मुल्क है. उनका मुख्य उद्योग आतंकवाद है. हमारे यहां आईटी का मतलब कुछ होता है और पाकिस्तान में इंटरनेशनल टेररिज्म होता है। उनके यहां बुरे काम करने वालों को कुछ हो जाता है तो इसमें हमें क्या। अगर हुआ है तो मैं कहूंगा कि लोगों को बुरे कर्मों का फल मिला है।”

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