HindiNationalNews

कैंसर की नकली दवा: ईडी ने दिल्ली-एनसीआर में 10 ठिकानों पर की छापेमारी

नई दिल्ली: कैंसर की नकली दवाओं के मामले में ईडी ने दिल्ली-एनसीआर में सात आरोपियों, संदिग्धों और इनके सहयोगियों के 10 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान ईडी को 65 लाख रुपये नकद मिले। जिनके बारे में कोई दस्तावेज नहीं मिले। ईडी को एक संदिग्ध के ठिकाने पर बीन बैग में छिपाए गए 23 लाख रुपये भी मिले। इसके अलावा काफी अहम दस्तावेज और अन्य सबूत भी ईडी को मिले हैं। मामले में दिल्ली-एनसीआर के कुछ अस्पताल और डॉक्टरों के नकली दवाएं बनाने वाले गैंग के साथ गहरा गठजोड़ होने का भी शक है।

ईडी सूत्रों ने बताया कि कैंसर और कीमोथेरेपी दवाओं को बनाने में एक ऑर्गनाइज गैंग के बारे में जानकारी मिली है। जिंदगी बचाने वाली दवाओं को नकली बनाने के मामले में दिल्ली-एनसीआर के कुछ अस्पताल भी संदेह के घेरे में आ रहे हैं। जहां इस संगठित गैंग की पहुंच बनी थी। शक है कि दिल्ली-एनसीआर के कुछ अस्पताल इस गैंग के साथ मिलकर कैंसर से संबंधित नकली दवाओं का पूरा नेटवर्क चला रहे थे। शक यह भी है कि यह रैकेट दिल्ली-एनसीआर से बाहर निकलकर देश के अन्य कई अस्पताल तक भी पहुंच रखता है।

इस मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा 12 मार्च एक एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। इस मामले में ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले का पता लगा है। जिसमें मामला दर्ज कर इसकी जांच ईडी ने भी शुरू कर दी है। तफ्तीश में दिल्ली-एनसीआर के कुछ अस्पतालों में कैंसर और कीमोथेरेपी दवाओं के बनाने और इनकी बिक्री करने में शामिल संगठित आपराधिक रैकेट के अस्तित्व का पता लगा है। सोमवार को इस गैंग और रैकेट से संबंधित सात संदिग्धों के 10 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की। रेड में करीब 65 लाख रुपये बरामद किए गए।

इसमें एक आरोपी के घर से बीन बैग में छिपाकर रखे गए 23 लाख रुपये भी ईडी ने बरामद किए। इसके अलावा ईडी को चल-अचल संपत्ति के बारे में भी काफी दस्तावेज बरामद हुए हैं। बताया जाता है कि यह नकली दवाएं पहले हिमाचल प्रदेश में बनाई जा रही थी। बाद में इन्हें शामली और गाजियाबाद में शिफ्ट कर दिया गया था। नकली दवाएं और भी कई जगह बनाए जाने का शक है। सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में इस रैकेट में दिल्ली-एनसीआर के कुछ बड़े अस्पताल समेत बड़े डॉक्टरों समेत अन्य लोगों के नाम भी सामने आ सकते

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *