Bihar NewsHindiNationalNewsPolitics

लोजपा-रामविलास ने चार सांसदों से किया किनारा, दो नये प्रत्याशी को उतारा

पटना। बिहार में होने वाले लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास (लोजपा-रामविलास) ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के टिकट पर जीते चार सांसदों से किनारा कर लिया है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने छह सीट हाजीपुर (सु), जमुई (सु), समस्तीपुर (सु), वैशाली, खगड़िया और नवादा से चुनाव लड़ा था। लोजपा को इस चुनाव में शत प्रतिशत कामयाबी मिली और सभी छह सीटों पर सांसद निर्वाचित हुये। इस बार के चुनाव में राजग में सीटों में तालमेल के तहत लोजपा-रामविलास को पांच सीट हाजीपुर (सु), जमुई (सु), समस्तीपुर (सु), वैशाली और खगड़िया मिली है, जबकि नवादा सीट राजग के घटक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हिस्से में चली गयी है। लोजपा रामविलास ने हाजीपुर (सु) समस्तीपुर (सु), खगड़िया और नवादा से विजयी लोजपा के सांसदों से किनारा कर लिया है और अपनी पार्टी में जगह नहीं दी है। जमुई (सु) से जीते चिराग पासवान इस बार हाजीपुर (सु) से चुनाव लड़ रहे हैं। वैशाली से लोजपा के टिकट पर जीती वीणा देवी इस बार भी इस सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। खगड़िया और समस्तीपुर (सु) सीट पर लोजपा-रामविलास ने नये प्रत्याशी को चुनावी रणभूमि में उतारा है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर (सु) सीट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान के भाई लोक जनशक्ति उम्मीदवार पशुपति कुमार पारस ने महागबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उम्मीदवार पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम को पराजित किया। लोजपा में टूट के बाद पशुपति कुमार पारस ने अपनी अलग पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) बना ली। राजग में सीट बंटवारे से नाराज होकर पशुपति कुमार पारस ने राजग का दामन छोड़ दिया। वहीं, अब चिराग पासवान ने भी चाचा पशुपति पारस को अपनी पार्टी में जगह नहीं दी है।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में खगड़िया संसदीय सीट से बिहार के पूर्व मंत्री चौधरी सलाउद्दीन के पुत्र और सांसद महबूब अली कैसर ने महागबंधन में शामिल विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी को पराजित किया। लोजपा में टूट के बाद महबूल अली कैसर ने भी पशुपति कुमार पारस का साथ दिया था। चिराग पासवान ने महबूब अली कैसर से भी किनारा कर लिया है। इस सीट पर लोजपा (रामविलास) के टिकट पर राजेश वर्मा पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

समस्तीपुर (सु) से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्व केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान के भाई लोजपा उम्मीदवार राम चंद्र पासवान ने कांग्रेस उम्मीदवार डा. अशोक कुमार को पराजित किया था। रामचंद्र पासवान के निधन के बाद हुये उपचुनाव में राम चंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस राज ने जीत हासिल की थी। प्रिंस राम ने कांग्रेस प्रत्याशी डा. अशोक कुमार को पराजित किया था। इस बार के चुनाव में चिराग पासवान ने प्रिंस राज से भी दूरी बना ली है। (लोजपा-रामविलास) ने प्रिंस राज की जगह बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की पुत्री शांभवी चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। शांभवी चौधरी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं।

नवादा सीट से वर्ष 2019 के चुनाव में लोजपा के टिकट पर चंदन सिंह ने जीत हासिल की थी। चंदन सिंह ने (राजद) प्रत्याशी और पूर्व बाहुबली विधायक राजवल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को पराजित किया था। लोजपा में टूट के बाद चंदन सिंह अपने बड़े भाई सूरजभान सिंह के साथ पशुपति पारस के खेमे में शामिल हो गये थे।चिराग पासवान ने चंदन सिंह से भी किनारा कर लिया है।चंदन सिंह चुनावी रेस से बाहर हो गये हैं। इस बार राजग के घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल में नवादा सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खाते में चली गई है। भाजपा के टिकट पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी.पी.ठाकुर के पुत्र और राज्य सभा सांसद विवेक ठाकुर चुनाव लड़ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि लोजपा में टूट डालने और चाचा पशुपति कुमार पारस का साथ देने वालों में से वैशाली की सांसद वीणा देवी को छोड़कर (लोजपा-रामविलास)के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने किसी भी सांसद को दोबारा चुनाव लड़ने का मौका नहीं दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *