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देश के सात राज्यों के आठ शहरों में झारखंड के मजदूरों की मदद करेगा प्रवासन सहायता केंद्र

रांची, 12 मार्च । राज्य के कुशल मजदूरों को अपने राज्य से बाहर काम करने में अब कोई परेशानी नहीं होगी। राज्य सरकार ने ऐसे प्रवासी युवक युवतियों के लिए देश के सात राज्यों में स्थित आठ शहरों में प्रवासन सहायता केंद्र खोला है। रांची के रेडिसन ब्लू होटल में मंगलवार को मंत्री सत्यानंद भोक्ता और श्रम आयुक्त संजीव कुमार बेसरा इसकी शुरुआत की।

श्रम विभाग के द्वारा खोले गए प्रवासन सहायता केंद्र में झारखंड से रोजगार के लिए दूसरे राज्य जाने वाले कुशल श्रमिकों को एक महीने तक मुफ्त में रहने के अलावा भोजन मिलेगा। इस प्रवासन सहायता केंद्र में स्थानीय स्तर पर होने वाली परेशानी और समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा।

मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि लेह लद्दाख जैसे क्षेत्र में भी जल्द सरकार प्रवासन सहायता केंद्र खोलने जा रही है। इन जगहों पर बड़ी संख्या में झारखंड के मजदूर काम की तलाश में जाते हैं। इन केंद्रों से मजदूरों का काफी सहायता मिल सकेगी। इस प्रवासन केंद्र के जरिए सरकार को झारखंड के श्रमिकों की विस्तृत जानकारी भी मिलेगी और उन्हें परदेश में सहायता भी मिलेगी। एक प्रवासन सहायता केंद्र में करीब 100 बेड उपलब्ध होंगे, जहां अपने माता-पिता के साथ जाने वाले श्रमिकों को ठहरने की सुविधा होगी।

मौके पर श्रम आयुक्त संजीव कुमार बेसरा ने कहा कि झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए एक और नया कदम उठाया है। इसके तहत जब काम को लेकर कोई भी विभिन्न जगहों में प्रवास करता है तो वहां किसी प्रकार की समस्या ना हो, इसके लिए इन केंद्रों को खोला गया है, जिसमें एक माह तक रहने और खाने की निःशुल्क सुविधा दी जाएगी। ये केंद्र काउंसलिंग सेंटर की तरह भी काम करेगा। इसके साथ झारखंड के लोगों के लिए लोकल गर्डियन की भांति रहेगा।

श्रम विभाग के सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि झारखंड से जो लोग बाहर रोजगार के लिए जाते हैं उनके लिए एक सपोर्ट सेंटर डेवलप किया गया है। माइग्रेशन सपोर्ट सेंटर की कोशिश दूर प्रदेश में घर जैसा माहौल देने की है। वहां कॉमन रूम से लेकर एलईडी रूम तक की सुविधा है। पुरुष और महिला को अकोमोडेट करने का प्रयास भी किया गया है।

झारखंड सरकार ने एक साथ देश के सात राज्यों के जिन आठ शहरों में प्रवासन सहायता केंद्र खोले गए हैं, उनमें नई दिल्ली, नीमराना (राजस्थान), अहमदाबाद (गुजरात), पुणे (महाराष्ट्र), हैदराबाद (तेलंगाना), बंगलुरू (कर्नाटक), चेन्नई (तमिलनाडु), तिरुप्पुर (तमिलनाडु) शामिल हैं। इन प्रवासन सहायता केंद्र का संचालन स्थानीय एनजीओ के माध्यम से राज्य सरकार करेगी।

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