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प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की निगरानी के लिए राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक के नेतृत्व में गठित होगी अनुश्रवण टीम

-अप्रैल में अनुश्रवण दल सरकारी स्कूलों में करेगा औचक निरीक्षण

रांची, 20 मार्च । सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार और बेहतर शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य में लागू किये गए प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की निगरानी के लिए राज्य स्तर पर डेडिकेटेड टीम बनाई जायेगी। टीम हर सप्ताह स्कूलों में प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की मॉनिटरिंग कर राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक के साथ इस प्रोजेक्ट के आउटकम की जानकारी सांझा करेगी। अप्रैल महीने में प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की जमीनी पड़ताल के लिए राज्यस्तरीय अनुश्रवण टीम विभिन्न जिलों में जायेगी। प्रोजेक्ट इम्पैक्ट में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों, प्राध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जायेगी।

यह बातें राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की समीक्षा बैठक में कही। आदित्य रंजन बुधवार को 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों के प्रधान अध्यापको, वार्डन और सात उत्कृष्ट स्कूलों के स्कूल प्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। रंजन ने कहा कि वे स्वयं अप्रैल में प्रोजेक्ट इम्पैक्ट की स्थिति का जायजा लेने के लिए तीन-तीन स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। प्रोजेक्ट इम्पैक्ट का मकसद स्कूलों में अनुशासनात्मक एवं उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण तैयार करना है।

यूनिफार्म ट्रेनिंग को मिलेगा बढ़ावा

समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने कहा कि हर बार अलग-अलग प्रभागों, विषयों पर शिक्षकों, ट्रेनरो, वार्डन और प्रधान अध्यापकों की ट्रेनिंग अलग-अलग नहीं होगी। इससे शैक्षणिक निरंतरता प्रभावित होती है और शैक्षणिक गतिविधियां भी ससमय पूरी नहीं हो पाती। आदित्य रंजन ने कहा कि ऐसी प्रशिक्षण प्रणाली विकसित की जाए, जिसमें एक समय में सभी प्रभाग अपनी अपनी ट्रेनिंग पूरी कर लें, जिससे समय और संशोधनों की बचत हो। साथ ही शैक्षणिक गतिविधियां भी अधिक प्रभावित ना हो। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रशिक्षण सत्र के बाद उस सत्र के परिणामों का आंकलन किया जायेगा।

तय होंगी जिम्मेदारियां

आदित्य रंजन ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों को रिस्पॉन्सिबिलिटी रजिस्टर तैयार करने का निर्देश दिया है। आदित्य रंजन ने कहा कि विद्यालयों में प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे प्रबंधकों, पठन-पाठन में संलिप्त शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों से लेकर हाउस कप्तान और क्लास मॉनिटर तक की जिम्मेदारियां तय की जाएंगी। आदित्य रंजन ने कहा कि स्कूलों के हाउस कप्तानों और क्लास मॉनिटर के अंदर नेतृत्व क्षमता विकसित करने के लिए उन्हें लगातार प्रोत्साहित किया जाए।

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