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हरदम राष्ट्रविरोधी बातें करने वालों से सावधान रहें युवा: धनखड़

नयी दिल्ली, 24 फरवरी : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को युवाओं से राष्ट्रहित को हमेशा सर्वोपरि रखने और ऐसे तत्वों से सावधान रहने को कहा जो हमेशा भारत विरोधी कहानियां गढ़ने और फैलाने में लगे रहते हैं और इस काम से उनका मन नहीं ऊबता।

श्री धनखड़ राजधानी में दिल्ली विश्वविद्यालय के 100वें वार्षि दीक्षांत समोरोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होनें कहा कि विकसित भारत की राह की सफलता की कुंजी देश की युवा पीढ़ी के हाथ में है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के युवाओं को न केवल अपने लिए बल्कि देश और पूरी दुनिया के लिए अपनी विशिष्ट छाप छोड़नी है क्यों कि ‘हम वसुधैव कुटुंब’ की अवधारणा में विश्वास रखते हैं।

श्री धनखड़ ने युवा छात्र-छात्राओं को विकसित भारत की मैराथन यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए उनसे राष्ट्र विरोध में लगे, और राष्ट्र सेवा की बात आने पर अराजकता फैलाने में लगे लोगों के प्रति हमेशा सजग रहने का आह्वान करते हुए कहा, “आप उन लोगों से सावधान रहें जिनकी राष्ट्र विरोधी बातें फैलाने की भूख कभी शांत नहीं होती। उन लोगों से सावधान रहें जो हमारी तेजी से हो रही आर्थिक वृद्धि और विकासात्मक उत्थान को शुतुर्मुग की तरह देखना ही नहीं चाहते। उन लोगों से सावधान रहें जो राष्ट्र की सेवा की बात आने पर अराजकता फैलाते हैं।”

उन्होंने युवावों को राष्ट्रहित को हमेशा सर्वोपरि रखने की अपील करते हुए कहा,“मैं आपसे अपील करता हूं कि राष्ट्रहित को हमेशा सर्वोपरि रखें, इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता । हमारे राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता कभी कम नहीं हो सकती। इसे दिन-रात शत-प्रतिशत बनाए रखना होगा।”

श्री धनखड़ ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र युवाओं की हिस्सेदारी बड़ी और बहुमूल्य है। युवाओं का दायित्व है कि वे उन उन सभी लोगों को बेअसर करें जो रणनीतिक तरीके से हमारी राष्ट्रीय छवि को धूमिल करने और हमारे संवैधानिक संस्थानों को कलंकित करने में लगे हुए हैं।”

उपराष्ट्रपति ने डिजिटल भुगतान, अंतरिक्ष अनुसंधान और अन्य क्षेत्रों में भारत की प्रगति की छाप का उल्लेख करते हुए कहा कि आज अमेरिका, यूरोप और सिंगापुर जैसे देश भारत के साथ अंतरिक्ष उद्योग जैसे क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। वे हमारी क्षमताओं पर अब भरोसा कर रहे हैं। श्री धनखड़ ने कहा,“ जरा भारत की यात्रा को देखिए। समय-समय पर साइकिल पर रॉकेट के पुर्जे ले जाने से लेकर अब दुनिया के लिए उपग्रह छोड़ने तक, हमने सपने देखने का साहस किया है, और हमने असंभव को हासिल किया है।”

उन्होंने कहा, “याद रखें, आप सभी भारत एट 2047 की मैराथन यात्रा में एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसकी सफलता आपके कंधों पर है, मुझे पूरी आशा, आशावाद और विश्वास है। राष्ट्र सफल होगा क्योंकि आप असफल होने का जोखिम नहीं उठा सकते। आप न केवल अपनी नियति के निर्माता हैं, बल्कि हमारे साझा भविष्य के भी निर्माता हैं।”

श्री धनखड़ ने युवाओं से कहा, “न केवल अपने लिए, बल्कि देश और दुनिया के लिए अपनी पहचान बनाएं क्योंकि हम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ में विश्वास करते हैं। मेरा निष्कर्ष है! विकसित भारत एट 2047 की कुंजी आपके पास है। इसका द्वार आपको खोलना है।”

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