इस साल 50 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराने का लक्ष्य: शेखावत
नयी दिल्ली, 31 मार्च : जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि देश में खुले में शौच की समस्या से निजात दिलाने का काम मिशन मोड में चल रहा है और अब तक 40 प्रतिशत गांवों को खुले में शौच की समस्या से मुक्त कराया जा चुका है।
श्री शेखावत ने शुक्रवार को यहां पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुले में शौच से मुक्ति का अभियान 2014 में शुरू किया था, तब कोई समझ भी नहीं पाया था कि यह अभियान किस तरह से चलेगा और कैसे सफल हो पाएगा लेकिन श्री मोदी ने घर-घर शौचालय का निर्माण करवाकर और हर स्कूल तथा आंगनबाड़ी केंद्र में महिला तथा पुरुष शौचालय बनवाकर इस अभियान को स्वरूप दिया तो आज देश की लगभग आधी आबादी खुले में शौच की समस्या से मुक्ति की तरफ बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि देश में पांच लाख 94 हजार 240 गांव हैं, जिनमें से अब तक दो लाख 38 हजार 973 गांवों को खुले में शौच से मुक्त कर मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जा चुका है। मॉडल गांव का मतलब समझाते हुए उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह टॉप श्रेणी के ऐसे गांव हैं, जहां खुले में शौच तथा गंदगी के निस्तारण की अन्य जरूरी व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वच्छता मिशन के लिए 52 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है और इस साल 50 हजार गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराने का लक्ष्य रखा गया है। उनका कहना था कि साल की शुरुआत से अब तक साढ़े सात प्रतिशत गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि अंडमान, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव के सभी गांव मॉडल गांव घोषित किये जा चुके हैं। बड़े राज्यों में तेलंगाना जल्द ही 100 प्रतिशत की तरफ बढ़ रहा है, जबकि तमिलनाडु में 96 प्रतिशत और कर्नाटक में करीब 94 प्रतिशत गांव खुले में शौच की समस्या से मुक्त हो चुके हैं।
श्री शेखावत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 2022 में 18 प्रतिशत गांव खुले में शौच से मुक्ति के दायरे में थे, जो अब 80 प्रतिशत हो चुका है। मध्य प्रदेश छह से 62 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश दो प्रतिशत से करीब 50 प्रतिशत और मिजोरम 35 प्रतिशत तक खुले में शौच से मुक्ति के लक्ष्य को हासिल कर चुका है।
अभिनव.श्रवण
वार्ता