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घूस लेकर वीजा दिलाने के मामले में कार्ति चिदम्बरम को छोड़ अन्य आरोपितों को अंतरिम जमानत

  • मामले की अगली सुनवाई 2 मई को करने का आदेश

नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने चीनी नागरिकों को वीजा दिलवाने के एवज में रिश्वत लेने के मामले में पी चिदंबरम के पुत्र कार्ति चिदंबरम को छोड़ कर बाकी आरोपितों को अंतरिम जमानत दे दी है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने मामले की अगली सुनवाई 2 मई को करने का आदेश दिया।

कार्ति चिदंबरम आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए। उनकी ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा कि उन्हें हाई कोर्ट से संरक्षण मिल चुका है। उसके बाद कोर्ट ने बाकी आरोपितों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया।

कोर्ट ने 19 मार्च को ईडी की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। इस मामले में ईडी ने कार्ति चिदंबरम, उनके पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट एस भास्कर रमन, पदम दुगार, दुगार हाउसिंग लिमिटेड, विकास मखरिया, तलवंडी साबो पावर लिमिटेड और मंसूर सिद्दिकी के खिलाफ 25 जनवरी को चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में सीबीआई ने मई 2022 में पी चिदंबरम के आवास पर छापा मारा था। सीबीआई के केस दर्ज करने के बाद ईडी ने केस दर्ज किया था।

सीबीआई के मुताबिक 14 मई, 2022 को पी चिदंबरम के आवास पर तलाशी के बाद मामला दर्ज किया गया था। कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि वो 2011 में 50 लाख रुपये की रिश्वत लेकर 263 चीनी नागरिकों को वीजा की सुविधा प्रदान कर रहे थे। सीबीआई ने भास्कर रमन को 18 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। सीबीआई के मुताबिक तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) ने बेल टूल्स लिमिटेड को 50 लाख की राशि का भुगतान किया, जिसने इसे चीनी वीजा के लिए रिश्वत के रूप में एस भास्कर रमन को दिया था। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने भास्कर रमन को 9 जून 2022 को जमानत दी थी।

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