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ईरान ने हिरासत में लिए गये 17 भारतीयों का मामला सुलझाने की पेशकश की: जयशंकर

बेंगलुरु, 15 अप्रैल : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य में जब्त किये गये इजरायली मालवाहक जहाज पर फंसे भारतीय चालक दल के 17 सदस्यों को हिरासत में लेने के मामले को सुलझाने की इच्छा जतायी है।

डॉ. जयशंकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “कल रात मैंने अपने ईरानी समकक्ष से बात की। मैंने कहा कि भारत से चालक दल के 17 सदस्य थे और हम ईरान सरकार से बात कर रहे थे कि इन लोगों को रिहा किया जाना चाहिए। उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाना चाहिए। उसके बाद, हमारे दूतावासों और ईरानी अधिकारियों के बीच आगे की बातचीत हुई… मेरे ईरानी समकक्ष ने अच्छी प्रतिक्रया दी और कहा ठीक है, मैं इसे समझता हूं। मैं उनके लिए कुछ करने की कोशिश करूंगा।”

विदेश मंत्री ने कहा कि वह यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारतीय दूतावास के अधिकारी हिरासत में लिए गये चालक दल के सदस्यों से जल्द से जल्द मिलें और स्वदेश वापसी का उनका मार्ग प्रशस्त करें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

श्री जयशंकर ने यूक्रेन, सूडान और कोविड​​-19 महामारी के दौरान उदाहरणों का हवाला दिया, जो विदेशों में संकट की स्थिति में अपने नागरिकों की सहायता करने के भारत सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा, “आप जानते हैं कि जब हम ‘मोदी की गारंटी’ की बात करते हैं, तो यह देश के अंदर और देश के बाहर ‘मोदी की गारंटी’ होती है। जब भी कोई भारतीय विदेश यात्रा करता है, तो यह गारंटी मोदी देते हैं। वे यात्रा बीमा ले सकते हैं, लेकिन उन्हें मोदी की ओर से मुफ्त गारंटी मिलती है। आप चाहे किसी भी परेशानी में हों, हम आपके साथ खड़े हैं। हमने इसे यूक्रेन में दिखाया है और हमने इसे कोविड के दौरान बार-बार दिखाया है।”

विदेश मंत्री ने ईरान द्वारा एमएससी एरीज मालवाहक जहाज और उसके चालक दल के सदस्यों को हिरासत में लेने की स्थिति से निपटने के लिए रविवार को इजरायल और ईरानी दोनों विदेश मंत्रियों के साथ बातचीत की। ईरानी विदेश मंत्री अमीर अब्दुल्लाहियन ने कब्जे में लिए गये जहाज से संबंधित विवरण पर अपने अधिकारियों की आगे की कार्रवाई और भारत सरकार के प्रतिनिधियों को चालक दल के सदस्यों से मिलने की अनुमति देने की संभावना के संबंध में आश्वासन दिया।

गौरतलब है कि रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण होर्मुज जलडमरूमध्य में शनिवार को ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स द्वारा एमएससी एरीज मालवाहक जहाज को कब्जे में लिया जाना एक महत्वपूर्ण घटना है, विशेष तौर पर तब जबकि उस पर भारतीय चालक दल के 17 सदस्य भी उपस्थित हैं। मुंबई के न्हावा शेवा बंदरगाह की ओर आ रहे जहाज को ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के कमांडो ने एक हाई-प्रोफाइल अभियान में जब्त कर लिया गया। इस जहाज का स्वामित्व इजरायली अरबपति इयाल ओफर के पास है।

यह घटना ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है, जो सीरिया के दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर इजरायल के कथित हमले से और भी भड़क गया है। एमएससी एरीज़ पर हमला तथा उसके चालक दल के सदस्यों की हिरासत ने क्षेत्र में पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और जटिल एवं संवेदनशील बना दिया है।

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