निफ्टी 18 महीनों में पहुंच सकता है 26,500 तक : एमके इन्वेस्टमेंट
मुंबई, 28 मई : एमके इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स लिमिटेड (ईआईएमएल) का अनुमान है कि भारत में शेयर बाजारों का ध्यान इस समय आम चुनाव के संभावित परिणामों पर है और आगे नीतिगत निरंतरता बने रहने के साथ-साथ भूमि और श्रम बजार के नियम कायदों तथा न्यायपालिका में बड़े सुधारों के साथ बाजारों में उत्साह को बल मिलेगा।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की अनुषंगी ईआईएमएल ने मंगलवार को मीडिया वेबिनार में वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2025-26 में वित्तीय बाजार की संभावनाओं पर प्रस्तुति में कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों के लाभ में 15 प्रतिशत की अपेक्षित वृद्धि के साथ उम्मीद है कि दिसंबर 2024 तक भारतीय निफ्टी 24,500 तक, दिसंबर 2025 तक 26,500 के स्तर को पार कर जाएगा।
प्रस्तुति में कहा, ‘निकट भविष्य में बाजार का ध्यान चुनाव नतीजों पर रहेगा।”
प्रस्तुति के अनुसार बाजार को लगता है कि यदि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 330 सीटें मिलती हैं तो नीतिगत निरंतरता के साथ-साथ भूमि, श्रम और न्यायपालिका पर बड़े सुधार होंगे जो भारतीय बाजारों में सकारात्मक भावना का समर्थन करेंगे। लम्बी अवधि की दृष्टि से बाजार वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी या चौथी तिमाही में अमेरिकी संघीय बैंक- फेड की नीतिगत दर में कटौती के साथ अमेरिका और ब्रिटेन में भूराजनीतिक विकास और चुनावों पर नजर रखेगा।
ईआईएमएल ने भारतीय शेयर बाजारों में व्यापक-आधार वाली वृद्धि का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को लार्ज-कैप (बड़ी पूंजी) और मिड-कैप (मझोली पूंजी) वाली कंपनियों में समान अनुपात में निवेश करने का सुझाव दिया है। प्रस्तुति में कहा गया है कि मध्यम अवधि में अधिकांश लाभ अपेक्षा कृत अधिक विस्तृत आधार वाले बाजारों से आने की उम्मीद है।
ईआईएमएल के मुख्य निवेश अधिकारी, मनीष सोंथालिया ने कहा कि बैंक, वित्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र और सार्वजनिक उद्यमों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। बैंक , वत्तीय सेवा और बीमा क्षेत्र के शेयर बाजार की तेजी में आगे- आगे थे और उनके मूल्यों में उछाल का संशोधन (कमी) फिलहाल हो चुका है। अगले तीन से पांच वर्षों में पावर कैपेक्स के निर्माण के साथ निवेश-संबंधित विषय चलन में आयेगा।
उन्होंने कहा कि हम सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की दोबारा रेटिंग कर रहे हैं क्योंकि कुछ सरकारी संस्थाओं को रक्षा, तेल विपणन कंपनियों और बिजली फाइनेंसरों जैसे क्षेत्रों में फायदा होगा। कोविड के बाद मंदी में रहने के बाद, फार्मास्यूटिकल्स में बदला दिखने की उम्मीद है।
उनका मानना है कि महंगे उपभोक्ता वस्तु बाजार के क्षेत्र में कोई अच्छी तेजी दिखने से पहले फिलहाल माहौल नरम रहेगा। अभी प्रवेश स्तर के विवेकाधीन उपभोक्ता उत्पादों के खंड का प्रदर्शन अच्छा नहीं है।