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खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 4.85 प्रतिशत

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल : भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2024 में घटकर दस माह के निचले स्तर 4.85 प्रतिशत पर रही गई।

फरवरी में खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर 5.09 प्रतिशत थी। मार्च, 2024 में अनाज, ईंधन और सब्जियों आदि अस्थिर कीमतों वाले वर्ग को छोड़ कर विनिर्मित वस्तुओं वाली महंगाई दर 3.3 प्रतिशत पर रही। सेवाओं संबंधी खुदरा मुद्रास्फीति भी और नरम हो कर मार्च में तीन प्रतिशत पर रही।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 8.66 प्रतिशत की तुलना में हल्की गिरावट के सथ 8.52 प्रतिशत रही।

खुदरा मुद्रास्फीति सात महीनों से दो से छह प्रतिशत के दायर में है जिसे भारतीय रिवर्ज बैंक इसका एक सहनशीलता दायरा मानता है। बावजूद इसके केंद्रीय बैंक ने अपनी नीतगत ब्याज दर रेपो को कम नहीं किया है और इसे इस माह लगातार सातवीं द्वैमासिक समीक्षा में भी 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है।

आरबीआई मुद्रास्फीति के मामले में फिलहाल कोई ढ़ील देने के मूड में नहीं है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

मार्च, 2024 में ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित महंगाई दर 5.45 फीसदी और शहरी इलाकों में यह 4.14 फीसदी रही।

ताजा खुदरा मूल्य सूचकांक से पता चलता है कि इस साल मार्च में साग-सब्जियों के वर्ग में मुद्रास्फीति घटकर 28.34 प्रतिशत रही। फरवरी में सब्जियां सालाना आधार पर 30.25 प्रतिशत तक ऊपर चल रही थीं।

मार्च में दाल-दलहनों के खुदरा भाव सालाना स्तर पर 17.71 प्रतिशत ऊंचे थे जबकि इससे पिछले महीने दाल-दलहन वर्ग में मुद्रास्फीति 18.90 प्रतिशत थी।

इस साल मार्च में अनाज और अनाज उत्पादों के वर्ग में मुद्रास्फीति 8.37 प्रतिशत थी। इसी माह ईंधन और बिजली वर्ग में खुदरा कीमतें सालाना आधार पर 3.24 प्रतिशत नीचे रहीं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज समूह के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने खुदरा मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों को बाजार के अनुमानों के अनुरूप बताया। उन्होंने कहा कि इसका अर्थ है कि वर्ष 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत रही जो चार वर्ष का न्यूनतम स्तर है।

श्री गुप्ता ने मार्च के आंकड़ों के बारीक विश्लेषण के आधार पर बताया कि खुदरा मूल्य सूचकांक में 72 प्रतिशत वस्तुओं में मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे थी। पिछले वर्ष इसी माह 60 प्रतिशत वस्तुओं में महंगाई पांच प्रतिशत से नीचे थी।

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