‘सुप्रीम कोर्ट में आप’ का दावा, उसका कार्यालय अतिक्रमण की गई जमीन पर नहीं
नयी दिल्ली, 16 फरवरी : उच्चतम न्यायालय के समक्ष आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी में राउज एवेन्यू में स्थित उसका कार्यालय अतिक्रमण की गई जमीन पर नहीं, बल्कि अदालत परिसर के विस्तार के लिए निर्धारित किए जाने से बहुत पहले उसे कानूनी रूप से आवंटित किया गया था।
‘आप’ ने हालांकि शीर्ष अदालत में दायर एक हस्तक्षेप आवेदन में कहा कि वह कार्यालय के स्थानों में से कम से कम एक स्थान खाली करने के लिए तैयार और इच्छुक है।
आवेदन में यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते वह आने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर नयी दिल्ली नगरपालिका क्षेत्र में कार्यालय के लिए जमीन का हकदार है।
पार्टी की ओर से कहा गया है कि उसका कार्यालय ‘अतिक्रमण’ की परिभाषा के दायरे में नहीं आता है। ‘आप’ की राज्य इकाई कार्यालय के लिए संबंधित परिसर को आधिकारिक तौर पर 2015 में आवंटित किया गया था।
पार्टी ने कहा कि इस आवंटन के बाद 10 अप्रैल, 2023 को वह एक राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी बन गई और पांच अन्य राष्ट्रीय दलों के बराबर नयी दिल्ली नगरपालिका क्षेत्र में कार्यालय के लिए स्थान की उसकी आवश्यकता और पात्रता बढ़ गई है।
‘आप’ ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 10 अप्रैल, 2023 को एक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होने के बाद पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय इकाई के लिए कार्यालय के स्थान के आवंटन के लिए (केंद्र सरकार को) कई अनुरोध भेजे हैं। बार-बार पत्र लिखने के बावजूद लगभग एक वर्ष बाद भी कोई जगह आवंटित नहीं की गई है।
शीर्ष अदालत ने न्यायिक बुनियादी ढांचे से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए 13 फरवरी को इस बात पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी कि दिल्ली के राउज़ एवेन्यू में स्थित आम आदमी पार्टी का कार्यालय दिल्ली उच्च न्यायालय को आवंटित भूमि पर बनाया गया था।