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मुख्य सचिव के पत्र पर हो एफआईआर, मामले की सीबीआई जांच कराएं चम्पाई सोरेन : बाबूलाल मरांडी

रांची, 6 मई । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि इंडी गठबंधन की रैली में हेमंत सोरेन को ऐसे पेश किया गया कि भ्रष्टाचार से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। हेमंत सोरेन हों या राज्य सरकार सभी भ्रष्टाचार के दलदल में डूबे हैं। सोरेन यह बार-बार कहते हैं कि आदिवासी होने के कारण उन्हें फंसाया जा रहा है। परेशान किया जा रहा है।

बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास सचिव को पत्र लिखा था। वह सारे पत्र नोटों के बंडल के साथ मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन उसे पत्र के आधार पर तुरंत एफआईआर कराएं। पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराएं। इसकी अनुशंसा करें। ऐसा न हो कि उनका बुढ़ापा भी जेल में कटे।

मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन ने अपने कार्यकाल में आदिवासियों के मान-सम्मान को पूरी तरह से धूमिल करने का काम किया। आदिवासियों की पहचान है कि वे सहज और सरल होते हैं। गड़बड़ी से कहीं भी उनका कोई नाता नहीं होता है लेकिन पिछले चार वर्षों में सत्ता में रहकर हेमंत सोरेन ने छल कपट किया है। प्राकृतिक संसाधन या खनिज संपदा को लुटवाया है। खुद लूट में शामिल रहे हैं और उनके संरक्षण में बिचौलिया, दलाल और भ्रष्ट अफसर ने मिलकर लुटा है। कोयला, लोहा, बालू यहां तक की सेवा की जमीन को भी उन लोगों ने नहीं छोड़ा। आदिवासियों की जमीन का भी फर्जी कागजात बनाकर लूटा।

मरांडी ने कहा कि कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के यहां से 350 सौ करोड़ नोटों का पहाड़ पकड़ा गया था। उसको भी दुनिया ने देखा। यहां से मिले नोटों की गिनती एक दिन में समाप्त नहीं हुई, कई दिनों तक चली। आदमी तो आदमी मशीन तक थक गए। ठीक से जांच होने पर पैसे में वर्तमान या पूर्व मुख्यमंत्री की संलिप्तता भी नजर आएगी। झारखंड में भ्रष्ट अफसर, दलाल, बिचौला के ठिकानों पर भी 20 करोड़ रुपये नकदी मिले थे। आज भी आलमगीर आलम के पीएस के नौकर के यहां करोड़ों रुपये मिले हैं। इंडी गठबंधन के नेता राहुल गांधी को यह बताना चाहिए कि यह पैसा किसका है।

मरांडी ने कहा कि नौकर के घर में पैसों का इतना जखीरा मिला है, तो उनके सहायक, उनके सचिव या फिर मंत्री, सरकार से जुड़े दलाल-बिचौलियों के घर भी यदि छापेमारी हो जाए तो पता नहीं कितने करोड़ रुपये मिलेंगे। इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। इंडी गठबंधन के लोग पूरी तरह हताश और निराश हैं। वे पैसे के बल पर चुनाव जीतना चाह रहे हैं। झारखंड सरकार भ्रष्टाचार में पूरी तरह लिप्त है। पूर्व मुख्यमंत्री का अपने नाम से खनिज पट्टा लेना, पत्नी के नाम से औद्योगिक क्षेत्र में जमीन लेना, पाकुड़ जिला में भाई के नाम से खनन का पट्टा लेना, प्रेस सलाहकार के नाम से खनन का पट्टा लेना, परिवार के नाम पर खनन का पट्टा लेना, यह सब सबके सामने है।

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