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Jharkhand : भाजपा विधायकों के निलंबन पर पुनर्विचार कर सकते हैं : स्पीकर

रांची, 2 अगस्त । झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन मंगलवार को कई मामलों को लेकर हंगामा हुआ। सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने चारों विधायकों भानू प्रताप शाही, रणधीर सिंह, ढूल्लू महतो और जेपी पटेल के निलंबन पर कहा कि वे इस विषय पर पुनर्विचार कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि इन विधायकों ने संसदीय मर्यादाओं, प्रोटोकॉल को भंग किया है। कोई भी नहीं चाहेगा कि सदन से सदस्यों को निलंबित किया जाये। आसन को भी सदस्यों के आचरण को देखना होता है कि वह इसे कहां तक बर्दाश्त कर सकता है। संसदीय व्यवस्था और आसन के साथ सही हो रहा या नहीं, कहीं मजाक तो नहीं हो रहा है, इसे सुनिश्चित करना होता है। उन्हें भाजपा विधायकों के मामले में मजबूरन इस तरह की कार्रवाई करनी पड़ी। वे नरम दिल के व्यक्ति हैं। बहुत ज्यादा साहसी भी नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि संसदीय मर्यादा को बनाये रखने को ही उन्हें इस तरह का निर्णय लेना पड़ा। सदन में भाजपा दूसरी बड़ी पार्टी है। उनके दल के सदस्यों का भी आदर और सम्मान है। चूंकि प्रस्तावित निर्णय लेने का प्रावधान संवैधानिक व्यवस्था में है, ऐसे में बगैर पक्षपात यह फैसला लिया गया है।

सुखाड़ पर सरकार की नजरः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों के सवालों पर कहा कि सदन से सदस्यों का मार्शल आउट के विषय का सही सही जवाब स्पीकर ही बता सकते हैं। वैसे जो आचरण देखने को मिला है, वह कहीं न कहीं सुनियोजित षड्यंत्र दिखता है। सुखाड़ पर आज चर्चा होनी थी पर सब भाग गये। सरकार को इसकी चिंता है। विश्वास रखें, इस पर काम होगा। सरकार को इस विषय पर विपक्ष के सहयोग और अच्छे सुझाव देने की उम्मीद थी। पूरे वर्षा काल पर सरकार की नजर है। किसानों के लिये क्या बेहतर कार्ययोजना हो, इस पर काम होगा।

हिन्दुस्थान समाचार

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