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पलामू: रिमांड के बाद हत्या के आरोपित की मौत पर हंगामा, शव के साथ कोयल पुल दो घंटे तक जाम

पलामू। हत्या के आरोपित अजय चौधरी की मौत पुलिस रिमांड के बाद तबीयत बिगड़ने से हो गई। उसका शव रांची रिम्स से पोस्टमार्टम के बाद पलामू जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के कल्याणपुर में उसके घर लाया गया। अजय की मौत से स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। अजय की मौत का जिम्मेवार पुलिस को ठहराते हुए सैंकड़ों लोग मंगलवार की सुबह सड़क पर उतर गए। अजय के शव को शाहपुर में कोयल नदी पुल पर रखकर जाम कर दिया। सुबह सात बजे से नौ बजे तक दो घंटे सड़क जाम रहा।

अजय की मौत के बाद से ही पुलिस को हंगामा होने की आशंका थी। पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर मुख्य सड़क पर आने से प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया। चैनपुर, रामगढ़, सदर और मेदिनीनगर शहर चार थाना को मामले की संवेदनशीलता को समझते हुए तैनात किया गया था। लेकिन कल्याणपुर के मार्ग में लगाए गए बैरिकेडिंग को तोड़ते और पुलिस को धक्का देते हुए लोग शव लेकर आगे बढ़ गए। इस दौरान पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। लोग अजय की मौत के दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। सड़क पर टायर जलाकर लोगों ने विरोध जताया। ग्रामीणों का कहना है कि रिमांड पर लेने के बाद पुलिस ने उसे पीटा, जिससे तबियत बिगड़ गई और रिम्स ले जाने के दौरान ही मौत हो गई।

पुल जाम होने से चैनपुर – मेदिनीनगर और मेदिनीनगर – गढ़वा मार्ग प्रभावित रहा, जिससे हजारों लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ा। स्कूल बस को वापस लौटना पड़ा।

शुरुआत में थाना प्रभारी के स्तर पर जाम हटाने के लिए वार्ता का प्रयास किया गया। जब वह असफल रहे तो सदर एसडीपीओ मणिभूषण प्रसाद पहुंचे। बाद में एएसपी राकेश कुमार मौके पर आए। उनके आश्वासन पर जाम समाप्त हुआ और शव को अंतिम संस्कार के लिए घर लेकर लोग गए। जेल से मृतक के पिता सुरेश उर्फ ननहक चौधरी के आने के बाद दाह संस्कार किया गया।

एएसपी राकेश ने कहा कि यदि पुलिस की पिटाई से मौत हुई है तो कार्रवाई पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकती है। मनोज चौधरी हत्या मामले में सुपरविजन होगा, जो दोषी नहीं होंगे उनका नाम केस से हटा दिया जाएगा। प्रावधान के अनुरूप मुआवजा पीड़ित परिवार को दिया जाएगा।

अजय चौधरी ने होली की रात 26 मार्च को अपने चचेरे भाई मनोज चौधरी का हत्या कर दिया था। 27 को इसकी गिरफ्तारी हुई थी। छह अप्रैल को पूछताछ के लिए अजय को रिमांड पर लिया गया था। सात अप्रैल को रिमांड से जेल पहुंचाया गया। जेल प्रशासन ने इसके बिगड़े तबियत को देखते हुए जेल गेट से ही हॉस्पिटल भेज दिया। फिर रिम्स ले जाने के क्रम में रात में ही मौत हो गई। इसके बाद से ही पुलिस पर पिटाई का आरोप लग रहा है।

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