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प्रधानमंत्री बोले- वह जो परियोजनाएं तमिलनाडु में लाये हैं वे दशकों से यहां की मांग थीं

थूथुकुडी/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह जो परियोजनाएं तमिलनाडु में लेकर आये हैं, वह दशकों से यहां के लोगों की मांग रही हैं। वह बुधवार को तमिलनाडु के थूथुकुडी में 17,300 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह तमिलनाडु सहित पूरे देश की जनता को एक कड़वा सत्य बताना चाहते हैं, बड़े दुख के साथ, सत्य कड़वा होता है लेकिन सत्य जरूरी भी होता है। मैं यूपीए सरकार पर सीधा-सीधा आरोप लगा रहा हूं। मैं आज जो प्रोजेक्ट लेकर आया हूं, वो यहां के लोगों की दशकों से मांग थी। आज जो यहां सत्ता में बैठे हैं, वे लोग उस समय दिल्ली में सरकार चलाते थे, लेकिन उनको आपके विकास की परवाह नहीं थी। बातें तमिलनाडु की करते हैं लेकिन तमिलनाडु की भलाई के लिए कदम उठाने की हिम्मत नहीं थी। आज मैं तमिलनाडु की धरती पर इस राज्य का भाग्य लिखने के लिए एक सेवक बनकर आया हूं।

उन्होंने कहा कि आज की विकास परियोजनाओं में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना देखी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भले ही परियोजनाएं थूथुकुडी में हों, इससे पूरे भारत में कई स्थानों पर विकास को गति मिलेगी। उन्होंने दो साल पहले की अपनी यात्रा को याद किया जब उन्होंने चिदंबरनार बंदरगाह की क्षमता के विस्तार के लिए कई परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाई थी और इसे शिपिंग का एक प्रमुख केंद्र बनाने का अपना वादा किया था। वह गारंटी आज पूरी हो रही है।

वीओ चिदंबरनार बंदरगाह पर आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल की आधारशिला के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि इस परियोजना में 7,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। आज 900 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है और 13 बंदरगाहों पर 2500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। इन परियोजनाओं से तमिलनाडु को फायदा होगा और राज्य में रोजगार के रास्ते खुलेंगे।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि वर्तमान सरकार द्वारा लाई जा रही आज की विकास परियोजनाएं लोगों की मांगें हैं और पिछली सरकारों ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं इस भूमि की सेवा के लिए और इसका भाग्य बदलने के लिए तमिलनाडु आया हूं।”

हरित नौका पहल के तहत भारत के पहले हाइड्रोजन ईंधन सेल अंतर्देशीय जलमार्ग जहाज के बारे में बात करते हुए मोदी ने इसे काशी के लिए तमिलनाडु के लोगों का उपहार बताया। उन्होंने मन की बात के एक एपिसोड के दौरान देश के प्रमुख प्रकाशस्तंभों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने के अपने सुझाव को याद किया और 10 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में 75 प्रकाशस्तंभों में पर्यटक सुविधाएं समर्पित करने पर गर्व व्यक्त किया। मोदी ने कहा कि एक साथ 75 जगहों पर विकास, ये नया भारत है और भरोसा जताया कि आने वाले समय में ये 75 स्थान बहुत बड़े पर्यटन केंद्र बन जाएंगे।

केंद्र सरकार की पहलों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में तमिलनाडु में 1300 किलोमीटर लंबी रेल परियोजनाएं शुरू की गईं। 2000 किमी रेलवे का विद्युतीकरण किया गया, फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण किया गया और कई रेलवे स्टेशनों का उन्नयन किया गया। विश्वस्तरीय यात्रा अनुभव प्रदान करने वाली 5 वंदे भारत ट्रेनें राज्य में चल रही हैं। भारत सरकार तमिलनाडु के सड़क बुनियादी ढांचे में 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी में सुधार के केंद्र सरकार के प्रयासों से जीवनयापन में आसानी बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत जलमार्ग और समुद्री क्षेत्रों में नए कीर्तिमान बना रहा है। लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में भारत 38वें स्थान पर पहुंच गया है और एक दशक में बंदरगाह क्षमता दोगुनी हो गई है। इस समयावधि के दौरान राष्ट्रीय जलमार्गों में आठ गुना वृद्धि हुई है और क्रूज यात्रियों की संख्या चार गुना बढ़ गई है जबकि नाविकों की संख्या दोगुनी हो गई है। इस प्रगति से निश्चित रूप से तमिलनाडु और हमारे युवाओं को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे विश्वास है कि तमिलनाडु विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा और मैं आपको गारंटी देता हूं कि जब देश हमें तीसरी बार सेवा करने का अवसर देगा तो मैं नए उत्साह के साथ आपकी सेवा करूंगा।”

इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि, केंद्रीय बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय राज्यमंत्री एल. मुरुगन सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।

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