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अभ्यर्थियों और राजनैतिक दलों के मार्गदर्शन के लिए अन्य ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’

रांची, 11 अप्रैल : भारत निर्वाचनआयोग ने अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों द्वारा निर्वाचनों की घोषणा के बाद से निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होने तक ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’ की सूची तैयार की है।
आयोग ने निर्देश दिया है कि इसका व्यापक प्रचार किया जाए और सभी अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों की जानकारी के लिए राज्य की राजभाषा सहित स्थानीय भाषा में प्रकाशित किया जाए।
अभ्यर्थियों और राजनीतिक दलों की जानकारी में स्पष्ट रूप से लाया जाना चाहिए कि ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’ की सूची केवल निदर्शनात्मक है, संपूर्ण नहीं है और इसका उ‌द्देश्य उपर्युक्त विषयों पर अन्य विस्तृत दिशा-निर्देशों/अनुदेशों को प्रतिस्थापित या संशोधित करना नहीं है, जिनका सख्ती से पालन और अनुपालन किया जाना चाहिए।
क्या करें
(
1) प्रगतिशील कार्यक्रम, जो वास्तव में निर्वाचन की घोषणा से पहले क्षेत्र में शुरू हो गए थे, जारी रखे जा सकते हैं।
(2)
बाढ़, सूखे, महामारी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को राहत
और पुनर्वास के उपाय शुरू किए और जारी रखे जा सकते हैं।
(3) मरणासन्न या गंभीर रूप से रुग्ण व्यक्तियों को नकद अनुदान या चिकित्सा सुविधाएं जारी रखे जा सकते हैं।
(4) निर्वाचन बैठकें करने के लिए सार्वजनिक स्थान जैसे मैदान सभी दलों / अभ्यर्थियों को निष्पक्ष रूप से उपलब्ध होने चाहिए। इसी प्रकार, समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए हेलिपैड का उपयोग सभी दलों / अभ्यर्थियों को निष्पक्ष रूप से उपलब्ध होना चाहिए।
(5) अन्य राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों की आलोचना उनकी नीतियों, कार्यक्रम, पिछले रिकॉर्ड और काम से संबंधित होनी चाहिए।
(6) शांतिपूर्ण और बाधारहित गृह जीवन के लिए प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित होना चाहिए।
(7) स्थानीय पुलिस अधिकारियों को प्रस्तावित बैठकों के आयोजन स्थल और समय की पूरी जानकारी समय रहते होनी चाहिए और सभी आवश्यक अनुमतियां ली गई हाँ।
(8) यदि प्रस्तावित बैठक के स्थान पर कोई प्रतिबंधात्मक या निषेधात्मक आदेश लागू हैं, तो उनका पूर्ण सम्मान किया जाएगा। छूट, यदि आवश्यक हो, के लिए समय रहते आवेदन अवश्य ही किया जाना चाहिए और समय रहते ली जानी चाहिए।
(9) प्रस्तावित सभाओं के लिए लाउडस्पीकर या ऐसी किन्ही अन्य सुविधाओं के इस्तेमाल के लिए अनुमति अवश्य प्राप्त की जानी चाहिए।
(10) सभाओं में गड़बड़ी करने वाले या अन्यथा उपद्रव पैदा करने वाले व्यक्तियों से निपटने में पुलिस की सहायता प्राप्त की जानी चाहिए।
(11) किसी भी जुलूस के आरंभ का समय और स्थान, अनुसरण किए जाने वालों इसके रूट और समाप्ति के समय एवं स्थान की व्यवस्था अग्रिम में की जानी चाहिए और पुलिस प्राधिकारियों से अग्रिम में अनुमति ली जानी चाहिए।
(12) उन स्थानों जहाँ से जुलूस गुजरना है, में लागू, किन्ही प्रतिबंधात्मक आदेशों के विद्यमानता का पता लगाना चाहिए और उसका पूर्ण पालन किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, यातायात विनियमों और अन्य प्रतिबंधों का भी पालन करना चाहिए।
(13) जुलूस का मार्ग यातायात को बाधा पहुंचाए बगैर होना चाहिए।
(14) शांतिपूर्ण और व्यवस्थित मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्वाचन अधिकारियों को हर समय सहयोग देना चाहिए।
(15) सभी कार्यकर्ताओं को बैज या पहचान पत्र अवश्य ही दिखाना चाहिए।
(16) मतदाताओं को जारी गैर-आधिकारिक पहचान पर्ची सादे (सफेद) कागज पर होगी और इसमें किसी प्रतीक, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होगा।
(17) अभियान अवधि और मतदान दिवस के दौरान वाहनों को रोकने पर प्रतिबंध का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।
(18) किसी भी मतदान केन्द्र में निर्वाचन आयोग से विशिष्ट वैध प्राधिकार पत्र वाले व्यक्ति (मतदाताओं, अभ्यर्थियों और उनके निर्वाचन/मतदान अभिकर्ताओं को छोड़कर), ही प्रवेश कर सकते हैं। किसी भी अधिकारी (जैसे मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या विधायक आदि), चाहे कितना ही उच्च अधिकारी क्यों न हो को इस शर्त से छूट नहीं है।
(19) निर्वाचन संचालन संबंधी कोई भी शिकायत या समस्या आयोग द्वारा नियुक्त प्रेक्षक/रिटर्निंग अधिकारी/जोनल/सेक्टर मजिस्ट्रेट/भारतीय निर्वाचन आयोग के ध्यान में लाई जाएगी।
(20) निर्वाचन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित सभी मामलों में निर्वाचन आयोग, रिटर्निंग अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशों/आदेशा/अनुदेशों का पालन किया जाएगा।
(21) यदि आप उस निर्वाचन क्षेत्र से मतदाता या अभ्यर्थी या अभ्यर्थी के निर्वाचन अभिकर्ता नहीं हैं, तो अभियान अवधि समाप्त होने के बाद निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दें।
क्या न करें
(1) सत्तारूढ़ दल/सरकार की उपलब्धियों के बारे में सरकारी खजाने से किसी या सभी प्रकार के विज्ञापनों पर प्रतिबंध है।
(2) कोई मंत्री किसी मतदान केंद्र या मतगणना स्थल में प्रवेश तब तक नहीं करेगा, जब तक कि वह एक अभ्यर्थी न हो या केवल मतदान के लिए मतदाता के रूप में प्रवेश करेगा।
3) ( सरकारी काम को प्रचार अभियान/निर्वाचन के साथ मिलाया नहीं जाना चाहिए।
कोई प्रलोभन, वित्तीय या अन्यथा, मतदाता को नहीं दिया जाएगा।
(4)
(5) निर्वाचकों की जातीय/सांप्रदायिक भावनाओं को नहीं भड़काया जाएगा।
(6) ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं की जाएगी, जिससे विभिन्न जातियों, समुदायों अथवा धार्मिक या भाषाई समूहों के बीच मौजूदा मतभेद बढ़ सकते हों अथवा उनके बीच आपसी घृणा या तनाव पैदा हो सकता हो।
(7) अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के किसी भी ऐसे पहलू की आलोचना करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़ा हुआ न हो।
(8) निर्वाचन संबंधी कार्यों के संबंध में मंदिरों, मस्जिदों, चर्चा, गुरु‌द्वारों या किसी भी पूजा स्थल का भाषण, पोस्टर, संगीत आदि सहित निर्वाचन प्रचार के स्थानों के रूप इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
(9) मतदान समाप्त होने से पूर्व 48 घंटे की अवधि के दौरान, ऐसे कार्यकलाप जो भ्रष्ट आचरण है अथवा निर्वाचन संबंधी अपराध हैं जैसे कि रिश्वतखोरी, अनुचित प्रभाव,
मतदाताओं को डराना, दूसरे का मतदान करना, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के दायरे में प्रचार-प्रसार करना, जनसभाएं आयोजित करना और मतदाताओं की गाडियों का मतदान केंद्रों पर आना-जाना निषिद्ध है।
(10) व्यक्तियों के मत और कार्यकलापों के विरुद्ध विरोध करने के लिए उनके घरों के समक्ष प्रदर्शन या धरने का सहारा नहीं लिया जाएगा।
(11) स्थानीय कानूनों के अधीन, कोई भी व्यक्ति, मालिक से विशिष्ट अनुमति (जिला निर्वाचन अधिकारी को दिखाए एवं उनके पास जमा करने हेतु) लिए बिना किसी की भूमि, भवन, परिसर की दीवार, वाहनों आदि का उपयोग ध्वज के डंडों को लगाने, बैनर लगाने, नोटिस चिपकाने या नारे लिखने आदि के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकता।
(12) अन्य राजनीतिक दलों या अभ्यर्थियों द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं या जुलूसों में कोई गड़बड़ी नहीं की जाएगी।
(13) जिन स्थानों पर अन्य दल सभाएं कर रही हैं, वहाँ उनके साथ जुलूस / रैली नहीं निकाले जाएंगे।
(14) जुलूस निकालने वालों को ऐसी कोई भी वस्तु साथ ले जाने की अनुमति नहीं होगी, जिनका दुरुपयोग हो सकता है, जैसे मिसाइल या हथियार।
(15) अन्य दलों और अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए पोस्टरों को हटाया या बिगाड़ा नहीं जाएगा।
(16) पोस्टर, ध्वज, प्रतीक या किसी भी अन्य प्रचार सामग्री को मतदान के दिन, मतदान पहचान पर्ची वितरण स्थान के पास या मतदान केंद्रों के पास इस्तेमाल अथवा प्रदर्शित नहीं किया जाएगा।
(17) लाउडस्पीकर, चाहे स्थिर हों या चालित वाहनों पर लगे हों, का उपयोग सुबह 6 बजे से पहले या रात 10 बजे के बाद, संबंधित प्राधिकारियों की पूर्व लिखित अनुमति के बगैर नहीं किया जाएगा।
(18) संबंधित प्राधिकारियों की पूर्व लिखित अनुमति के बगैर, सार्वजनिक बैठकों और जुलूसों में भी लाउडस्पीकरों का उपयोग नहीं किया जाएगा। आम तौर पर, ऐसी बैठकों/जुलूसों को रात में 10.00 बजे से बाद जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी, और ये स्थानीय कानूनों, क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की स्थानीय धारणाओं और मौसम की स्थिति, त्योहार के मौसम, परीक्षा अवधि आदि जैसे अन्य प्रासंगिक महत्वों के अधीन होगा।
(19) निर्वाचन के दौरान किसी भी प्रकार की शराब का वितरण नहीं किया जाना चाहिए।
(20) मतदान के दिन, ऐसा कोई भी व्यक्ति, जिसे सुरक्षा का खतरा हो और इसलिए उसे आधिकारिक तौर पर सुरक्षा दी गई हो, अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ मतदान केंद्र परिसर (100 मीटर के भीतर) के आसपास के क्षेत्र में प्रवेश नहीं करेगा। इसके अलावा, मतदान के दिन ऐसा कोई भी व्यक्ति अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ निर्वाचन क्षेत्र में नहीं घूमेगा। यदि आधिकारिक सुरक्षा पाने वाला व्यक्ति एक मतदाता भी है, तो वह सुरक्षा कर्मियों के
(21
साथ केवल मतदान करने तक ही अपनी गतिविधि को प्रतिबंधित करेगा। ) कोई भी व्यक्ति जिसे सुरक्षा का खतरा हो और इसलिए उसे आधिकारिक तौर पर सुरक्षा दी गई हो, या जिसके पास स्वयं के लिए निजी सुरक्षा गार्ड हैं, को निर्वाचन अभिकर्ता या मतदान अभिकर्ता या मतगणना अभिकर्ता के रूप में नियुक्त नहीं किया जाएगा।

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