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सिल्क उद्योग का लोगों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान: राज्यपाल

रांची, 23 फरवरी । राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि सिल्क उद्योग का लोगों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान है। इस उद्योग में किसान और श्रमिकों का भी अहम योगदान है। उन्होंने नवनियुक्त वैज्ञानिकों को कहा कि इस क्षेत्र को नवाचार, नई तकनीकी और नई प्रणाली के साथ विकसित करने की आवश्यकता है ताकि विश्व के मानचित्र पर भारत सर्वाधिक सिल्क उत्पादन और निर्यात करने वाला देश बन सके। इससे देश आर्थिक प्रगति के साथ-साथ किसान और श्रमिकों के आय में वृद्धि होगी।

राज्यपाल रांची में शुक्रवार को केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के केन्द्रीय रेशम बोर्ड के 66 नवनियुक्त वैज्ञानिकों को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड में तसर सिल्क और बाजार की मांग के अनुरूप तसर से संबंधित उत्पादों में विविधता लाने की आवश्यकता है। इस अवधारणा के साथ कार्य करने पर विश्व के अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। प्रतिस्पर्धा के लिए आत्मविश्वास और सतत प्रयास आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कोरोना का टीका विकसित करने और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान के लैंडिंग के लिए वैज्ञानिकों का निरंतर उत्साहवर्धन किया एवं हमारे वैज्ञानिकों ने आत्मविश्वास के साथ सफलता हासिल की।

राज्यपाल ने कहा कि सिल्क उद्योग के विकास में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय भी आवश्यकतानुसार अपनी भूमिका निभाएगा। उद्योग के विकास के लिए आवश्यकता अनुसार उच्च संस्थानों का सहयोग भी प्राप्त करना चाहिए। इससे नई तकनीकी, नए कौशल, नए उत्पाद इत्यादि के संबंध में जानकारी प्राप्त होती है और उद्योग को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने सभी वैज्ञानिकों को प्रतिबद्धता से निरंतर प्रयास करने का संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने पुस्तक का विमोचन भी किया।

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