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युवा जिस क्षेत्र में कार्यरत हों, समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करें :राष्ट्रपति

रांची। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयूजे) के स्टूडेंट्स से देश की समृद्धि और इसके विकास में अहम योगदान देने की अपील की ।
राष्ट्रपति ने आज रांची के झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चेरी मनातू (रांची) स्थित परिसर में आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह में कहा कि हमारे देश के युवा इस देश के सबसे बडे प्राकृतिक संसाधन हैं। आबादी में 55 प्रतिशत से अधिक युवा वर्ग के ही हैं।2030 तक दुनिया में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं। 2047 तक शिक्षित, समृद्ध भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

इसके लिए अनुकूल परिस्थितियों को बनाना होगा।ऐसे में यहां के जिन युवाओं को पढ़ाई के बाद मेडल मिला है, वे अपने लिए अच्छा जीवन का निर्माण ही नहीं, देश औऱ समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

राष्ट्रपति ने कहा कि विश्व गुरु बनने के सपने को पूरा करने, आने वाला जेनरेशन को इसका लाभ देने के लिए यह जरूरी है कि युवा जिस क्षेत्र में कार्यरत हों, समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करें। समरसता, गरिमापूर्ण जीवन सबके लिए हो, पिछड़े और वंचित लोगों का विकास इसे देखें।

मौके पर राष्ट्रपति ने तीन स्टूडेंट्स को चांसलर मेडल दिया।साथ ही गोल्ड मेडल पाने वाले कुल स्टूडेंट्स (58) में से 50 प्रतिशत लड़कियों के होने पर विशेष खुशी जाहिर की। समारोह में अन्य अतिथियों के हाथों 58 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल, 29 को पीएचडी डिग्री प्रदान की गयी। इस दौरान राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन, चांसलर जय प्रकाश लाल, वीसी प्रो क्षिति भूषण दास, विभिन्न विभागों के प्रमुख और फैकल्टी, स्टूडेंट्स तथा उनके अभिभावक और अन्य भी उपस्थित थे।

राष्ट्रपति ने मौके पर कहा कि यहां इस संस्थान से उपाधि प्राप्त करने वालों को बधाई। मेडलिस्ट को भी. उनके माता-पिता, प्राध्यापकों को भी जिन्होंने मार्गदर्शन दिया। यह संस्थान स्वर्णरेखा नदी के समीप है। कहा जाता है कि इस नदी के जल के सेवन से ही ज्ञान की प्राप्ति होती रही है। ऐसे में इस नदी के सान्निध्य में ज्ञान प्राप्त करना सौभाग्य की बात है।ज्ञान से ही बुद्धि और कौशल का विकास होता है। चुनौतियों से भरे विश्व में आप सब प्रवेश कर रहे हैं।इसमें आप अपने प्राप्त ज्ञान का सदुपयोग करेंगे।
जटिल परिस्थितियों का सामना करना होगा, अपने ज्ञान से इसका हल प्राप्त करना होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि झारखंड आने पर उन्हें लगता है कि वे अपने घर वापस आयी हैं।यहां उन्होंने पूर्व में राज्यपाल के तौर पर धरती आबा बिरसा मुंडा की धरती पर जनसेवा करने का काम किया है। इस धरती पर काम करने का सौभाग्य खुशी से भर देता है।यहां के जनजातीय भाई बहनों से जुड़ाव रहा है। इसलिए नहीं कि वे आदिवासी हैं। जैसे परिवार में शारीरिक, मानसिक रूप से पिछड़े रहने वाले को ज्यादा ध्यान देते हैं, उनके उपर काम करते हैं, उसी भाव से विकास की दौड़ में पीछे रह गये लोगों के लिए सोचना चाहिये।कैसे उनका पूर्ण विकास हो,इन्क्लूसिव विकास हो. जनजातीय भाई लोग भी विकास की मुख्य धारा से जुड़े रहें।

राष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समाज के पास पारंपरिक ज्ञान का भंडार है। उनके जीवन शैली से हम सीख पाएं तो ग्लोबल वार्निंग की चुनौतियों से जूझ पाएंगे, उसे हरा सकेंगे।

राष्ट्रपति ने खुशी जाहिर करते और सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रबंधन को धन्यवाद देते कहा कि इस संस्थान द्वारा स्थानीय भाषा, संगीत, सांस्कतिक धरोहर को समझने के लिए खास सेंटर बनाया गया है।चेरी मनातू कैंपस ग्रीन आर्किटेक्ट को ध्यान में रखते तैयार किया गया है।जिसने भी इसकी डिजाइन की, अच्छे जगह पर इसे खोला, उसकी सराहना हो। इस संस्थान का ब्रांबे कैंपस भी प्रकृति के निकटता को दिखाता है।बगैर पेड़ काटे तैयार किया गया। इको फ्रेंडली बनाया गया. यह पर्यावरण संरक्षण के लिए अच्छा प्रयास है।हमें इको फ्रेंडली होना ही होगा।

समारोह में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने चांसलर, गोल्ड मेडल और पीएचडी डिग्रीधारकों को बधाई दी। स्टूडेंट्स के साथ साथ उनके अभिभावक, गुरुओं के लिए भी इसे विशेष क्षण बताया। कहा कि ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीं. इसके जरिये बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार राज्य में शैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने को संकल्पित है।

नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को स्वीकार कर लिया गया है. चेरी मनातू परिसर में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जरूरतों के अनुसार रैयती भूमि का अधिग्रहण कर उसे देने का निर्णय लिया गया है।भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है, इसे शीघ्र दूर किया जायेगा। विद्युत आपूर्ति निर्बाध हो, इस पर काम हो रहा है।जलापूर्ति भी पर्याप्त हो, इसे तय किया जा रहा है। सड़क निर्माण का कार्य भी जोरों पर है।

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