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भारत-ओमान अभिलेखों के रख-रखाव के क्षेत्र में करेंगे सहयोग

नयी दिल्ली, 23 फरवरी : भारत और ओमान ने दोनों देशों के अभिलेखागारों के बीच अभिलेख संरक्षण और अभिलेखों की संयुक्त प्रदर्शनी आदि के आयोजन जैसे क्षेत्रों में सहयोग का करार किया है केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि इस करार पर भारत के एक प्रतिनिधि मंडल के ओमान के दौरे के समय हस्ताक्षर किए गए ।<br /> पुरालेख क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों का पता लगाने के लिए भारत के अभिलेखागार महानिदेशक अरुण सिंघल के नेतृत्व में नयी दिल्ली स्थित भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) के एक प्रतिनिधिमंडल ने ओमान के अपने समकक्ष संगठन नेशनल रिकॉर्ड्स एंड आरकाइव्ज अथॉरिटी (एनआरएए) का दो दिन का दौरा किया । गुरुवार को सम्पन्न इस दौरे में शामिल प्रतिनिधिमंडल में उप-निदेशक डॉ. संजय गर्ग और पुरालेख विशेषज्ञ सदफ फातिमा शामिल थीं। <br /> संस्कृति मंत्रालय के अनुसार भारतीय प्रतिनिधिमंडल को वहां के विभिन्न अनुभागों एवं प्रभागों का भ्रमण कराया गया। इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड और दस्तावेज़ प्रबंधन प्रणाली (ईडीआरएमएस) अनुभाग, माइक्रोफिल्म विभाग, निजी रिकॉर्ड अनुभाग, रिकॉर्ड विभाग तक पहुंच, इलेक्ट्रॉनिक संग्रह और संरक्षण अनुभाग सहित एनआरएए के विभिन्न प्रभागों के प्रभारियों द्वारा प्रतिनिधिमंडल को विशेष प्रस्तुतियां दी गईं। <br /> प्रतिनिधिमंडल ने अभिलेखों की स्थायी प्रदर्शनी और डॉक्यूमेंट डिस्ट्रक्शन लैब का भी दौरा किया।<br /> एनआरएए के अध्यक्ष डॉ. हम्द मोहम्मद अल-ज़ौयानी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में श्री अरुण सिंघल ने भारत और ओमान के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर चर्चा की । एनएआई के महानिदेशक और एनआरएए के अध्यक्ष ने दोनों देशों के बीच संस्थागत सहयोग को औपचारिक बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। चर्चा के बाद, सहयोग के कार्यकारी कार्यक्रम (ईपीसी) के मसौदे को अंतिम रूप दिया गया, जिसे अब दोनों पक्षों के सक्षम अधिकारियों द्वारा अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा तथा निकट भविष्य में उस पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किए जाएंगे।<br /> श्री सिंघल ने ओमान से संबंधित 70 चुनिंदा दस्तावेजों की एक सूची सौंपी, जो भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) में उपलब्ध हैं। ये दस्तावेज़ 1793 से 1953 तक की अवधि के हैं और कई विषयों से संबंधित हैं। सूची के साथ, इन अभिलेखों की कुल 523 पृष्ठों की प्रतियां भी उन्हें दी गयीं जिसमें ओमानी ध्वज का लाल से सफेद रंग में परिवर्तन (1868), सुल्तान सैय्यद तुर्की की मृत्यु (1888) के बाद ओमान के शासक के रूप में सैय्यद फैसल बिन तुर्की का उत्तराधिकार, मस्कट और ओमान के सुल्तान की भारत में वायसराय के साथ मुलाकात (1937) और मस्कट में भारत गणराज्य और मस्कट एवम ओमान के सुल्तान के बीच मैत्री, वाणिज्य और नौवहन संधि, जिस पर 15 मार्च, 1953 को हस्ताक्षर किए गए (अंग्रेजी, हिंदी और अरबी संस्करण) शामिल हैं।<br /> इसके अलावा, दोनों देशों के बीच तीन महत्वपूर्ण संधियों के प्रतिकृति प्रिंट भी एनआरएए को उपहार में दिए गए। इनमें ब्रिटिशकालीन भारत सरकार और मस्कट के सुल्तान के बीच संधि (अरबी और अंग्रेजी में), पांच अप्रैल, 1865, और मस्कट के इमाम के साथ दो संधियों मेहदी अली खान द्वारादिनांक 12 अक्टूबर 1798 को हुई संधि तथा सर जॉन मैल्कम द्वारा फारस के दरबार में भारत के गवर्नर जनरल के दूत के रूप में 18 जनवरी,1800 को हुई संधि की प्रतिकृति शामिल हैं।

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