यूरोप की कार्बन कर योजना पर डब्यूटीओ में आपत्ति उठायेगा भारत: गोयल
नयी दिल्ली, 23 फरवरी : भारत ने कहा है कि भारत यूरोपीय संघ के बाजारों में स्टील, एल्यूमिनियम और उर्वरक जैसे अपेक्षा कृत अधिक कार्बन उत्सर्जक उत्पादों के आयात के नियम सख्त करने के प्रस्ताव पर विश्व व्यापार संगठन में अपनी आपत्तियां उठायेगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां एक परिचर्चा में यूरोपीय संघ के कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबीएएम) मुद्दे पर कहा कि भारत यूरोपीय संघ (ईयू) के टैक्स लगाने से चिंतित है और इस मुद्दे को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के तहत उठाएगा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर यूरोपीय संघ के साथ द्विपक्षीय रूप से समाधान करने का भी प्रयास होगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल राजनयिक एवं रणनीतिक विषयों पर उच्चस्तरीय चर्चाओं के लिए राजधानी में आयोजित प्रतिष्ठित वार्षिक रायसीना डायलाग के एक सत्र को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत व्यापार समझौतों की बातचीत में सावधानीपूर्वक और संतुलित दृष्टिकोण अपनाता है तथा जल्दबाजी में कोई निर्णय करने से बचता है।
परिचर्चा में श्री गोयल ने कहा , “भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि विश्व व्यापार संगगठन( डब्ल्यूटीओ) के मार्गदर्शक सिद्धांतों को इसकी तेरहवीं मंत्रिस्तरीय बैठक ( एमसी13) में कायम रखा जाए।” उल्लेखनीय है कि डब्यूटीओ की 13वीं मंत्रिस्तरीय बैठक अबूधाबी में 26-29 फरवरी तक होने जा रही। श्री गोयल इस बैठक में भारतीय दल का नेतृत्व करेंगे।
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और मजबूत बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के संचालन के लिए डब्ल्यूटीओ महत्वपूर्ण निकाय है। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत इस संगठन में आवश्यक सुधारों के साथ इसे मजबूत बनाने के लिए अपना ठोस मजबूत समर्थन व्यक्त करता है।
श्री गोयल ने कहा कि डब्ल्यूटीओ में उन मुद्दों को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है जो विश्व व्यापार का हिस्सा नहीं हैं और भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि मार्गदर्शक विश्व व्यापार संगठन के सिद्धांतों को कायम रखा गया है।
श्री गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत दुनिया के साथ जुड़ने और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं को अपनाकर और आत्मनिर्भर बनकर प्रतिस्पर्धी बनने का इच्छुक है। उन्होंने कहा कि देश की नवप्रवर्तन की क्षमता के साथ मिलकर बड़ा घरेलू बाजार भारत को निवेश के लिए सबसे अच्छा गंतव्य बना देगा।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए अर्थव्यवस्था में प्रदर्शन, सुधार और बदलाव की पहल की कि भारत मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों के साथ एक विकसित राष्ट्र बन कर उभरे।
श्री गोयल ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं का उद्देश्य अंतिम छोर के लाभार्थियों तक पहुंचना है।