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झारखंड हाई कोर्ट से सामूहिक दुष्कर्म में सजायाफ्ता बंदियों की जमानत याचिका खारिज

रांची, 27 जुलाई । झारखंड हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को रांची में वर्ष 2019 में लॉ की छात्रा से हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सजायाफ्ता ऋषि तिर्की और सुनील उरांव की जमानत याचिका खारिज कर दी है। दोनों ने हाई कोर्ट में सजा को चुनौती देते हुए अपील दायर की गई थी और जमानत की गुहार लगाई गई थी। मामले में सरकार की ओर से भोला नाथ ओझा ने पैरवी की।

26 नवंबर, 2019 को रांची के कांके से लॉ छात्रा को अगवा कर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत में छह जनवरी 2020 से इस मामले की सुनवाई डे-टू-डे हुई थी। पांच फरवरी 2020 को पीड़िता ने इस केस में गवाही दी थी। गवाही के दौरान गैंगरेप की घटना को अंजाम देने वाले सभी 12 आरोपितों की पहचान की थी।

दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता ने कांके थाना में 27 नवंबर, 2019 को कांड संख्या 216/19 के तहत आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। घटना के दूसरे ही दिन पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। निचली अदालत ने मामले में 11 दोषियों को 26 फरवरी, 2020 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस केस में कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, संदीप तिर्की, अजय मुंडा, राजन उरांव, नवीन उरांव, अमन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव एवं ऋषि उरांव को सजा मिली है।

(हि.स.)

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