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झारखंड हाई कोर्ट ने नींबू पहाड़ अवैध खनन मामले में राज्य सरकार की अपील को किया खारिज

Insight Online News

रांची, 23 फरवरी : झारखंड हाई कोर्ट ने नींबू पहाड़ पर अवैध खनन मामले में राज्य सरकार की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। साथ ही सीबीआई जांच पर लगी रोक को भी हटा दिया है। हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। पूर्व में मामले में दोनों पक्षों की बहस पूरी होने पर कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। इससे पूर्व हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वर्चुअली पक्ष रखा था जबकि महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता मनोज कुमार एवं अधिवक्ता पियूष चित्रेश ने सुनवाई में उनका सहयोग किया था। इस दौरान कोर्ट को बताया गया था कि हाई कोर्ट का आदेश केवल प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करने का था लेकिन राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली, जो गलत है। पीई में यदि सीबीआई को कुछ मिले थे तो राज्य सरकार की अनुमति लेनी चाहिए थी। सीबीआई की ओर से वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने बताया था कि हाई कोर्ट का आदेश था कि यदि पीई में कुछ आपराधिक घटनाओं की संलिप्तता मिलती है, तो वह कानून सम्मत निर्णय लेकर आगे की कार्रवाई कर सकता है। पीई में आपराधिक संलिप्तता और हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई डायरेक्टर ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया और मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया गया। एफआईआर दर्ज करने के लिए सीबीआई को राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत नहीं है। पीई के बाद आगे की कार्रवाई के संबंध में हाई कोर्ट का आदेश काफी स्पेसिफिक था। सीबीआई ने बिना हाई कोर्ट की अनुमति एवं राज्य सरकार की सहमति के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन को लेकर कांड संख्या आरसी 0242023 एस 001 दिनांक 20 दिसंबर, 2023 दर्ज किया था। राज्य सरकार ने सीबीआई द्वारा नींबू पहाड़ में अवैध खनन मामले में सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को कानून सम्मत नहीं बताते हुए इसे चुनौती देते हुए कहा था कि बिना सरकार की सहमति और बगैर हाई कोर्ट के अनुमति के ही सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज किया है, जो गलत है।

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